कृषि उड़ान योजना से जोड़ें जायेंगे 21 और हवाई अड्डे, सरकार बना रही योजना

February 16 2023

कृषि उड़ान योजना से 21 और नए एयरपोर्ट को जोड़ें जाने की योजना सरकार बना रही है। इसका ऐलान खुद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया है।कृषि क्षेत्र और किसानों को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार बड़े पैमाने पर योजनाएं चला रही है।इसके लिए सरकार सब्सिडी, बीमा, लोन जैसी कई योजनाएं चलाती है।

अगस्त 2020 में शुरू हुई कृषि उड़ान योजना

सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही इन्हीं सुविधाओं में से एक कृषि उड़ान योजना भी है, जिसकी शुरुआत केंद्र सरकार ने अगस्त 2020 में की थी।इस योजना की शुरुआत हवाई यात्रा की मदद से किसानों की सब्जी, फल डेयरी उत्पादों का बाजारों में जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए किया गया था।क्योंकि यदि वक्त रहते ये चीज़े मंडी तक नहीं पहुंच पाती हैं तो खराब हो जाती हैं और इससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है।

कृषि उड़ान योजना से जुड़ेंगे और 21 हवाई अड्डे

हाल ही में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने कृषि उड़ान योजना को लेकर बड़ा ऐलान किया है।ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को भारत की G20 अध्यक्षता में कृषि उप प्रमुखों की इंदौर में जारी बैठक में हिस्सा लेने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि देश के 21 और हवाई अड्डों को सरकार कृषि उड़ान योजना से जोड़ने की तैयारी कर रही है।इससे जल्दी खराब होने वाले कृषि, बागवानी और मत्स्य उत्पादों का तेज रफ्तार हवाई परिवहन सुनिश्चित किया जा सकेगा।केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि मौजूदा वक्त में कृषि उड़ान योजना से देश के कम से कम 31 हवाई अड्डों को जोड़ा जा चुका है।उन्होंने कहा कि इस योजना से 21 और हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए मैं रक्षा मंत्रालय से चर्चा कर रहा हूं।

सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कृषि उत्पाद तेजी से पहुंच रहा

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इस दौरान इस बात की भी जानकारी दी कि अभी तक कृषि उड़ान योजना बेहद सफल रही है।उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी कृषि उत्पाद तेजी से पहुंच रहे हैं जिससे किसानों को फायदा मिल रहा है।सिंधिया ने मिसाल दी कि इस योजना के जरिये पूर्वोत्तर भारत में पैदा होने वाले नींबू, कटहल और अंगूर न केवल देश के अन्य हिस्सों, बल्कि जर्मनी, इंग्लैंड, सिंगापुर और फिलीपींस तक पहुंचाया जा रहा है।

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स्रोत: कृषि जागरण