कृषि क्षेत्र में देश के लिए आज मिसाल बन गया है तेलंगाना

June 13 2023

एक समय था जब तेलंगाना में खेती बहुत ही उबाऊ काम हुआ करती थी। आज उसमें रस भी है और वह आमदनी का बेहतरीन जरिया भी बन चुकी है। प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र में अप्रत्याशित प्रगति की है। तेलंगाना के किसानों की ओर आज पूरे देश की निगाहें हैं।

आज प्रदेश में 2 करोड़ एकड़ से ज्यादा उन्नत कृषि भूमि है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की सरकार ने तेलंगाना में खेती को उबाऊ से कमाऊ बना दिया है। राज्य सरकार ने किसानों के हित वाले फैसले लेने में कभी भी कोई संकोच नहीं किया, नतीजा ये हुआ है कि अनेक योजनाओं की वजह से इस क्षेत्र ने शानदार तरक्की की है।

कृषि क्षेत्र को पूर्ण प्राथमिकता तेलंगाना राज्य बनने के बाद से मुख्यमंत्री केसीआर की सरकार ने कृषि क्षेत्र को पूर्ण प्राथमिकता दी है। सबसे पहले सिंचाई के लिए और किसानों की जरूरतों के मुताबिक बिजली उपलब्ध करने पर फोकस किया गया। परिणाम ये हुआ है कि आज तेलंगाना देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां खेती के लिए 24 घंटे बिजली उपलब्ध है। इस क्षेत्र के लिए सालाना 5,000 करोड़ रुपए भुगतान किया जा रहा है। 2014 से लेकर अबतक तेलंगाना सरकार इसके लिए 36,889 करोड़ रुपए की सब्सिडी दे चुकी है।

तेलंगाना में 40% बिजली कृषि क्षेत्र के लिए उपलब्ध सब्सिडी को अलग रख दीजिए। कृषि क्षेत्र को 24 घंटे बिजली मिले इसके लिए पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया गया है। पूरी सप्लाई लाइन को अत्याधुनिक कर दिया गया है। ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत की गई है। बिजली के तार बदलने और नई लाइनें बिछाने पर 38 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। राज्य की कुल बिजली का 40 फीसदी कृषि क्षेत्र को दिया जा रहा है। अभी तक राज्य में 8.17 लाख नए कृषि बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं। प्रदेश में कुल कृषि बिजली कनेक्शन की संख्या बढ़कर 27.20 लाख हो चुकी है।

सिंचित कृषि क्षेत्र 2.09 करोड़ एकड़ हो चुकी है मिशन काकतीय से तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया। कालेश्वर प्रोजेक्ट की वजह से सिंचित भूमि लगभग दोगुनी हो गई। 2014-15 में यासंगी और मानसूनी क्षेत्र के दायरे में आने वाली सिंचित भूमि सिर्फ 1.31 करोड़ एकड़ थी। 2022-23 में यह बढ़कर 2.09 करोड़ एकड़ हो चुकी है। आज वही तेलंगाना है जहां 15 से 20 लाख एकड़ में पूरे साल बागवानी फसलें उगाई जा रही हैं। महज सात वर्षों में ही कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों में उत्पादन से 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बढ़ी है। केसीआर सरकार ने अभी तक 40.74 लाख किसानों का कर्ज माफ किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने अपने कंधों पर 17,351 करोड़ रुपए का भार उठाया है। बाकी भी जितने कर्ज हैं, उन्हें माफ करने के लिए इस साल के बजट में 6,385 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इससे राज्य के 10.92 लाख किसानों का 94 हजार रुपए तक का लोन माफ कर दिया जाएगा।

65,192 करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में 65 लाख किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ निवेश के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। 2018 के मानसून सीजन से 10 सीजन में 65,192 करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में दिए गए हैं। अगर किसी वजह से एक किसान की मौत हो जाती है तो केसीआर सरकार की ओर से शुरू की गई रायथु भीम योजना के माध्यम से उसके परिवार को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि उपलब्ध कराई जाती है।

कृषि क्षेत्र से होने वाली आय 1.80 करोड़ रुपए हुई किसानों के लिए चल रही बीमा योजना का पैसा भी राज्य सरकार दे रही है। चार साल में इसने 1,00,782 किसान परिवारों को 5,039 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। 2014-15 में फसल, मवेशी और मत्स्य पालन से होने वाली आय 73,658 करोड़ रुपए थी। इनमें से 41,706 करोड़ रुपए की आमदनी फसल से होती थी। लेकिन, 2020-21 में कृषि और कृषि क्षेत्र से होने वाली आय 1.80 करोड़ रुपए पहुंच गई। यही कारण है कि आज पूरे देश में जब भी कृषि और किसानों की चर्चा होती है, तो तेलंगाना का उदाहरण जरूर सामने आ जाता है।

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स्रोत: oneindia