किसानों को 90 तरह के कृषि यंत्रों पर दिया जायेगा 94 करोड़ रुपए का अनुदान

June 28 2022

कृषि यंत्रीकरण योजना: वित्तीय वर्ष 2022-23 शुरू हो गया है, ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न योजना के तहत लाभ देने के लिए लक्ष्य तय किए जा रहे हैं। कृषि को आधुनिक बनाने में कृषि यंत्रों के महत्व को देखते हुए अलग-अलग राज्य सरकारों ने अपने राज्य के लिए कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान के लिए बजट तय कर लिया है। जिससे अधिक से अधिक किसानों को इस वित्त वर्ष में योजना का लाभ दिया जा सके। बिहार सरकार ने राज्य में कृषि यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि यंत्रीकरण योजना के लिए इस वर्ष 94.05 करोड़ खर्च करने का फैसला लिया है।  बिहार सरकार में हुई मंत्री मंडल की बैठक में कृषि रोड मैप के अंतर्गत राज्य स्कीम मद से कृषि यंत्रीकरण योजना का चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में कार्यान्वयन के लिए 94 करोड़ 5 लाख 54 हज़ार रुपए व्यय करने की स्वीकृति प्रदान की है। योजना के तहत कृषि सम्बन्धी कृषि यंत्र बुआई, कटाई एवं गहाई के लिए उपयोगी कृषि यंत्र, पराली प्रबंधन यंत्र, उद्यानिकी फसलों हेतु उपयोगी कृषि यंत्र आदि शामिल हैं।

किसानों को 90 तरह के कृषि यंत्रों पर दिया जाएगा अनुदान: बिहार राज्य सरकार इस वर्ष राज्य में किसानों को 90 तरह के कृषि यंत्रों पर अनुदान देगी। जिसमें यदि किसान राज्य में निर्मित कृषि यंत्र ख़रीदता है तो किसान को अतिरिक्त 10 प्रतिशत की अनुदान राशि दी जाएगी। इसके अलावा वायु प्रदूषण रोकने के लिए पराली प्रबंधन में उपयोग आने वाले कृषि यंत्रों पर भी सरकार सब्सिडी देगी। जीविका दीदियों को भी इसके लिए प्रशिक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

इन कृषि यंत्रों पर दी जाएगी सब्सिडी: किसानों को खेती में उपयोग होने वाले कृषि यंत्र जैसे पैडी ट्रांसप्लांटर, रोटावेटर, पॉवर टिलर, लेजर लैंड लेवलर, रीपर, रीपर बाइंडर, थ्रेशर, जीरो टिलेज मशीन एवं अन्य कृषि यंत्र किसानों को सब्सिडी पर दिए जाएँगे। फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों (हैपी सीडर, सूपर सीडर, स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ रीपर, रीपर कम बाइंडर समेत अन्य) पर कुल राशि का 33 फ़ीसदी यानी 31.03 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। पोस्ट हार्वेस्ट और हॉर्टिकल्चर से सम्बंधित यंत्रों ( मिनी रबर राइस मिल, राइस मिल, चैन सॉ समेत अन्य) पर कुल राशि का 12 फ़ीसदी यानी 11.28 करोड़ रुपए खर्च किए जाएँगे। क़तार में  बुआई के यंत्रों (सीड ड्रील, पटैटो प्लांटर समेत अन्य) पर कुल राशि का 7 फ़ीसदी यानी 6.58 करोड़ रुपए खर्च किए जाएँगे।

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स्रोत kisansamadhan