किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह ने लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर संकट को देखते हुए को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC-kisan credit card) की लिमिट दोगुनी करके ब्याज कम करने की मांग की है. अभी इसकी लिमिट 3 लाख रुपये और समय पर पैसा चुकाने पर 4 फीसदी ब्याज देना पड़ता है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इसकी लिमिट 6 लाख रुपये हो और ब्याज दर सिर्फ 1 फीसदी. देश में करीब सात करोड़ किसानों के पास केसीसी है, जबकि 14.5 करोड़ किसान परिवार हैं. ऐसे में सरकार अगर कृषि और किसानों के हित में यह कदम उठाती है तो देश के कम से कम आधे किसान संकट से उबर सकते हैं.
केंद्र सरकार किसानों को पहले से ही दे रही बड़ी छूट
खेती-किसानी के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है. इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है. लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है. अब इसे एक फीसदी करने की मांग की जा रही है. इस स्कीम का फायदा यह है कि इससे किसानों की साहूकारों पर निर्भरता खत्म हो जाती है. उन्हें खेती के लिए सबसे सस्ता लोन मिलता है.
इसलिए पीएम किसान योजना से जुड़ी केसीसी स्कीम
किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम को पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-kisan samman nidhi scheme) से जोड़ दिया गया है. चूंकि जिन्हें भी पीएम-किसान स्कीम के तहत 6000 रुपये सालाना मिले हैं उन सभी की रेवेन्यू, आधार और बैंक खाते की डिटेल सरकार के पास है. ऐसे में दोनों स्कीमों को लिंक कर दिया गया है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि किसान सम्मान निधि के लाभार्थी अपने खाते से संबंधित बैंक में जाकर KCC के लिए आवेदन जमा करवाएं, बैंकों के मुख्य प्रबंध निदेशकों को वित्त विभाग द्वारा इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं. आवेदन के बाद 14 दिन के भीतर आवेदकों को इसका लाभ मिल जाएगा.
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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी