मध्य प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में अब जैविक खेती होगी, पाठ्यक्रम में भी रहेगी

February 14 2022

केंद्र और राज्य सरकार ने इस साल प्रदेश में 99 हजार हेक्टेयर में जैविक खेती का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने में प्रदेश के दोनों कृषि विश्वविद्यालय (जबलपुर एवं ग्वालियर) सरकार का सहयोग करेंगे। इन विश्वविद्यालयों में 25-25 हेक्टेयर भूमि जैविक खेती के लिए आरक्षित की गई है। सरकार का मानना है कि इससे मध्य प्रदेश में खेती के क्षेत्र में बदलाव आएगा। जैविक खेती के विषय को कृषि पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा। जैविक खेती के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले नंबर पर है। वर्तमान में प्रदेश में 17.31 लाख हेक्टेयर जमीन पर जैविक खेती की जा रही है। यह देश में की जा रही कुल जैविक खेती का 40 प्रतिशत से भी ज्यादा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैविक खेती को बढ़ावा देने की अपील कर चुके हैं। इसलिए राज्य सरकार रकबे में लगातार वृद्धि की कोशिश कर रही है। कृषि विश्वविद्यालयों में जैविक खेती कराने का निर्णय भी इसी रणनीति का हिस्सा है। इन विश्वविद्यालयों से 25-25 हेक्टेयर कृषि भूमि संबद्ध है। जिस पर अभी तक रासायनिक खाद का उपयोग कर फसल उगाई जाती थी, पर अब ऐसा नहीं होगा। इन क्षेत्रों में किसानों को लाकर जैविक खेती का प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।

सरकार ने तय किया है कि ये विश्वविद्यालय जैविक खेती कर किसानों के सामने अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करेंगे, ताकि किसान भी जैविक खेती के लिए प्रेरित हों। जैविक खेती के दौरान विश्वविद्यालय नए प्रयोग भी करेंगे। जिसमें जैविक खाद की मदद से पैदावार बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से आठ और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर से पांच कृषि महाविद्यालय संबद्ध हैं। जिन महाविद्यालयों से कृषि भूमि संबद्ध है, उनमें भी जैविक खेती पर काम किया जाएगा

हमारा लक्ष्य जैविक खेती को बढ़ावा देना है। कृषि विश्वविद्यालय में जैविक खेती को आदर्श प्रदर्शन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि हमारे किसान भाई भी इसके प्रति प्ररित हो सकें। कृषि पाठ्यक्रमों में भी जैविक खेती को शामिल किया जा रहा है-कमल पटेल, कृषि मंत्री

कृषि पाठ्यक्रम में भी शामिल होगी जैविक खेती

राज्य सरकार ने फैसला किया है कि कृषि विश्व विद्यालयों में चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों में जैविक खेती के विषय को भी शामिल किया जा रहा है। विश्व विद्यालयों में छात्रों को जैविक खेती के सैद्धांतिक और प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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स्रोत: Nai Dunia