जैविक खाद से कृषि बनी लाभ का धंधा

July 23 2021

रासायनिक खाद व कीटनाशकों के दुष्परिणाम को देखते हुए अब क्षेत्र के किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जैविक खेती में उत्पादन अधिक होने से किसान कम समय में अच्छी कमाई कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त केंचुआ खाद बनाने में भी किसान अग्रसर हैं। इस खाद को बेचकर किसान खेती को लाभ का धंधा बना रहे हैं।

कन्नाौद विकासखंड के ग्राम हतनोरी के किसान शैलेंद्र पाटीदार के पास सिर्फ एक हेक्टेयर जमीन है और इसमें बेहतर उत्पादन के साथ जैविक खाद का निर्माण कर रहे हैं। इस प्रकार की खेती उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बना रही है। वे स्वयं जैविक खाद का खेत में उपयोग कर रहे हैं और अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। किसान पाटीदार ने अपने खेत में केंचुआ खाद बनाने के लिए यूनिट तैयार करवाई है। इसमें गोबर, कचरा व पानी डालकर केंचुआ खाद तैयार कर रहे हैं। खाद बनाने की इस प्रक्रिया में 45 दिन लगते हैं। इस साल अब तक 42 हजार रुपये कीमत का 700 क्विंटल खाद बनाकर विक्रय कर चुके हैं। पिछले तीन माह में 300 रुपये क्विंटल के हिसाब से 10 क्विंटल केंचुओं का विक्रय भी किया। इस प्रकार जैविक खाद व केंचुओं के विक्रय से भी अच्छी खासी आमदनी प्राप्त हो रही है। किसान पाटीदार ने बताया कि हम फसल में जैविक खाद का उपयोग करते हैं। हमने मक्का लगाई है, जिसके पौधों की ऊंचाई सात फुट से भी अधिक हो गई है। इसमें जो भुट्टे लगे हैं, उनका आकार काफी बड़ा है। किसान पाटीदार ने बताया कि अगर सभी किसान अपने खेतों में शत-प्रतिशत जैविक खाद का उपयोग करेंगे तो निश्चित तौर पर अनाज की गुणवत्ता बनी रहेगी और उसे खाने से सेहत पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। रासायनिक खाद के उपयोग से कई तरह की बीमारियां घेर लेती है, जबकि जैविक खाद से तैयार उपज से किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं होते।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: Nai Dunia