ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की कमी से जूझ रहा कृषि विभाग

July 31 2021

बालोद जिला के डौंडीलोहारा ब्लाक में किसानों की समस्या के निदान के लिए पांच से सात गांव को मिलाकर एक सेंटर दिया जाता है, इसमें एक ग्राम सेवक नियुक्त किया जाता है, जो गांव-गांव जाकर किसान की समस्याओं का समाधान व शासन की योजनाओं की जानकारी देते हैं पर वर्तमान स्थिति में ब्लाक का कृषि विभाग अपने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे है। डौंडीलोहारा ब्लाक में कुल 28 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की नियुक्ति है पर कुछ का प्रमोशन हो जाने पर अभी वर्तमान में 16 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कार्यरत हैं, जो एक सेंटर से 27 गांव को देखते हैं।

जैसे दुधली सेंटर में कलकसा, खपरी, बनगांव रेघई, रेंगनी, खैरा ,कुम्हालोरी गांव आते हैं, जो अन्य प्रभार होने से 25 गांव को भी देखते हैं, जिससे कई किसान आज तक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से मुलाकात भी नहीं कर पाए हैं, जो किसान अपनी फसल की समस्या को लेकर जाते हैं उनका आफिस बंद होने से मायूस होकर उसे नजदीकी कृषि केंद्र की ओर जाना पड़ता है ।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डौंडीलोहारा ब्लाक में किसान 47,332 हेक्टेयर में बोनी की गई है, पिछले एक सप्ताह तक 471,40 मिलीमीटर वर्षा हुई है जो पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा हुई है खाद्य की समस्या को देखते हुए किसानों को वर्मी कंपोस्ट का उपयोग किए जाने के लिए कहा जा रहा है, इस खाद को किसान बियासी, रोपाई , नीदाई,के समय डाल सकते हैं समितियों में टोटल बीज भंडारण 12216, 49 क्विंटल किसानों को वितरण अब तक 9194,87 क्विंटल, खाद का भंडारण 8538,36, वितरण 6802,65 किया गया है।

राज्य में लगभग 70% आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता व कृषि आदान लागत में वृद्घि के कारण कृषि आय में अनिश्चिता बनी रहती है। फलस्वरुप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज उर्वरक , कीटनाशक,यांत्रिकी व नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। कृषि में पर्याप्त निवेश व लागत में राहत देने के लिए कृषि अदान सहायता के लिए राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी न्याय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादन कृषकों प्रति एकड़ आधान सहायता राशि को नौ हजार रुपये प्रदान किया जाएगा। धान व अन्य फसल सुगंधित धान, केला ,पपीता अमरूद लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10000 हजार रुपये अदान सहायता राशि दी जाएगी।

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स्रोत: Nai Dunia