इस राज्य के 50,000 हेक्टेयर में होगी प्राकृतिक खेती, 85 हजार किसानों ने किया रजिस्ट्रेशन

October 31 2022

राज्य में प्राकृतिक खेती के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीयन चालू है। इसमें गेहूं, जौ, चना, सरसों, मसूर, मक्का, सूरजमुखी, मेथी, हल्दी, आलू, मटर आदि समेत अन्य सब्जियों की खेती शामिल है। बंजर होती धरती तो दोबारा उपजाऊ बनाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस जीरो बजट खेती भी कहते हैं, क्योंकि कीटनाशक-उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं होता। साथ ही कम मेहनत में ही फसल से अच्छी क्वालिटी का प्रॉडक्शन मिल जाता है। कई राज्यों में प्राकृतिक खेती को लेकर तरह-तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। मध्य प्रदेश में भी अब किसान तेजी से नेचुरल फार्मिंग की तरफ बढ़ रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रबी सीजन में प्राकृतिक खेती करने के लिए राज्य के करीब 85,520 किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। ये किसान करीब 17,814 गांव का 50 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा कवर करेंगे। उस जमीन पर किसी भी केमिकल के बिना ही फसलों से नेचुरल प्रॉडक्शन लिया जाएगा। राज्य में प्राकृतिक खेती के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया चालू है और किसान भी प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाते हुए अपना पंजीकरण करवा रहे हैं।

मध्य प्रदेश में चलाए जा रहे प्राकृतिक खेती अभियान के तहत 17 हजार 814 गांव के 50 हजार 818 हेक्टेयर रकबा कवर किया जाएगा, जिसके लिए 85 हजार 520 किसानों से अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। सबसे ज्यादा पंजीकरण मंडला जिले से हुए हैं। यहां 4803 किसानों ने प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाई है। इस लिस्ट में छिंदवाड़ा, रीवा, बड़वानी और नरसिंहपुर भी शामिल है। छिदवाड़ा के 3375, रीवा के 3201, बड़वानी के 3040 और नरसिंहपुर के 2730 किसानों नेचुरल फार्मिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है।

मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती अभियान से जुड़कर केमिकल फ्री फसलें उगाने के लिए http://mpnf.mpkrishi.org/ पर जाकर ऑनलाइन करें।