बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि अगर उसकी सरकार दोबारा आती है तो वो देश के सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) का लाभ देगी. अब नरेंद्र मोदी सरकारदोबारा बन गई है तो उम्मीद कर सकते हैं कि यह वादा जल्द पूरा होगा. चुनाव से पहले तक इस स्कीम के तहत 12 करोड़ किसान परिवारों को लाभ मिलना था, लेकिन बदले हालात में अब इसका लाभ देश के सभी 14 करोड़ किसान परिवारों को मिलेगा. सभी को 6000-6000 रुपये सालाना मिलेंगे.
बीजेपी के संकल्प पत्र में किसानों के लिए कई वादे
साल 2014 में पहली बार सरकार बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के मसलों को सबसे ऊपर रखा था. जब कांग्रेस हर जगह कृषि कर्जमाफी का वादा कर रही थी तो मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने की योजनाओं पर काम कर रही थी. ताकि वे ऐसे बन जाएं कि उन्हें कर्जमाफी की जरूरत न पड़े. साथ ही किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6000 रुपये नगद देने की योजना शुरू की और उसे बहुत तेजी से लागू करवा दिया. इस योजना ने कांग्रेस के अलग कृषि बजट लाने और कर्जमाफी के वादे से वोट बटोरने की मंशा पर पानी फेर दिया.
पार्टी ने कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश और छोटे तथा खेतिहर किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन की योजना बनाने का वादा किया. लेकिन उसका फोकस किसान सम्मान निधि स्कीम पर ही रहा. क्योंकि अपने राज्य के किसानों को सालाना 8000 रुपये देकर टीआरएस ने तेलंगाना में फिर से सरकार बना ली थी. पहली बार किसी सरकार ने किसानों के अकाउंट में सीधे पैसा भेजने की स्कीम बनाई थी.
...लेकिन इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस लाभ का हकदार नहीं माना जाएगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले इस लाभ से वंचित होंगे. एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी भी करते हों.
पैसा पाने के लिए क्या करें?
सरकार इस स्कीम के विस्तार की घोषणा करती है तो अब तक इसके दायरे से बाहर रहे किसानों को कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. रेवेन्यू रिकॉर्ड, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा. कोई कन्फ्यूजन है तो अपने लेखपाल से संपर्क करना होगा.
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स्रोत: न्यूज़ 18 इंडिया