अब उत्तराखंड के सेब की होगी अपनी पहचान

August 19 2020

उत्तराखंड में सेब उत्पादकों की शीर्ष सहकारी संस्था सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ के गठन की अनुमति शासन ने दी है। इससे प्रदेश के बीस हजार से अधिक सेब उत्पादकों को एक मंच मिलेगा। जल्द ही यह संस्था बाजार में उत्तराखंड के ब्रांड नाम का सेब उतारेगी।

प्रदेश में राज्य समेकित विकास निगम की परियोजना के तहत सहकारिता विभाग ने उत्तरकाशी के सेब उत्पादकों के साथ मिल कर काम करना शुुरू किया था। सूत्रों के मुताबिक करीब 15 सहकारी प्राइमरी समितियों का गठन कर लिया गया है और साढ़े छह हजार सेब उत्पादकों को इससे जोड़ा जा चुका है। 

अब सेब उत्पादकों की शीर्ष सहकारी संस्था के गठन होने के बाद इन प्राइमरी समितियों की संख्या एक साल के अंदर तीस सहकारी प्राइमरी संस्थाओं तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे करीब 12 हजार सेब उत्पादक संघ से जुड़ जाएंगे।

प्रदेश में करीब 20 हजार सेब उत्पादक हैं। सहकारिता सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से संघ के गठन का आदेश जारी किया गया है। अब सेब उत्पादक सहकारी संघ की योजना उत्तराखंड ब्रांड नाम से प्रदेश के सेब को बाजार में लाने की तैयारी में है। 

90 दिन के अंदर होंगे चुनाव

राज्य सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ के चुनाव अब 90 दिन में होंगे। हर समिति से दो प्रतिनिधियों को चुना जाएगा और बोर्ड बनेगा। प्रबंध निदेशक की तैनाती शासन स्तर से होगी।

ये होगा फायदा

- सहकारी समिति के सदस्य सेब उत्पादक अपने सेब का मोलभाव कर सकेंगे।

- सहकारी संघ उत्पादकों के सेब की ग्रेडिंग, ट्रासंपोर्टेशन, पैकिंग आदि की व्यवस्था करेगा। 

- यह माडल कलेक्टिव कॉपरेटिव फार्मिंग का है। ऐसे में उत्पादकों को सेब की फसल को सुधारने में प्रशिक्षण, सामान आदि में सहायता मिलेगी। अगले एक साल में रूट स्टॉक विधि से करीब दो हजार बगीचे तैयार किए जाएंगे। 

- प्रदेश में कुल तीस क्लस्टर तैयार होने हैं। इनमें देहरादून, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़ आदि शामिल हैं।

पहचान कायम करेगा उत्तराखंड का सेब 

हम चाहते हैं कि उत्तराखंड का सेब पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान कायम करे। यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और इससे सेब उत्पादकों को निश्चित रूप से फायदा होगा।

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स्रोत: Amar Ujala