हरियाणा में भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpayee Yojana) के तहत फसल रजिस्ट्रेशन (crop registration) की अंतिम तारीख 31 मई कर दी गई है. जबकि यह पहले 31 मार्च थी. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन (Covid-19 lockdown) को ध्यान में रखते हुए इसकी तारीख बढ़ाई गई है. किसानों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए वे अपने जिला स्तर के उद्यान अधिकारी व सब्जी मंडी में जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी, मार्केटिंक बोर्ड से सम्पर्क कर सकते है.
कम भाव मिला तो कैसे होगी भरपाई
प्रदेश की सभी मार्किट कमेटियों को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं कि किसानों की सब्जियों के उत्पाद की मार्केटिंग सुनिश्चित करें. इस दौरान अगर सब्जियों के भाव सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्य से कम रहते हैं तो सरकार द्वारा भावांतर की भरपाई की जाएगी.
सब्जियों की खपत हुई कम, लेकिन...
कृषि मंत्री ने माना कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन की वजह से सब्जियों की खपत में कमी आई है. किसानों की मदद के लिए डायरेक्ट मार्केटिंग की ओर से प्रयास किए जा रहे है. उन्होंने कहा कि लगभग 110 किसानों को उत्पादक संघों (FPO) के माध्यम से सीधा मार्केटिंग करने के लिए लाइसेंस जारी करवाया गया है ताकि वे हरियाणा के विभिन्न शहरों में जाकर लगभग 8 हजार क्विंटल प्रतिदिन का सीधे उपभोक्ता तक बिक्री कर सकें. इससे किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा.
आजादपुर मंडी में भेजने की कोशिश
कृषि मंत्री ने बताया कि हरियाणा के किसानों की सब्जियों को दिल्ली की आजादपुर मंडी (Azadpur Mandi) में बिना रूकावट के भेजने के प्रयास जारी हैं. 5 बॉर्डर -मार्गों द्वारा प्रतिदिन लगभग 150 वाहनों के माध्यम से सब्जी उत्पाद का यातायात किया जा रहा है जोकि किसी भी अन्य राज्य से कई गुना ज्यादा है. इससे बिक्री में मदद होगी.
हरियाणा में कितना सब्जी उत्पादन
हरियाणा (Haryana) लगभग 3 लाख 70 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में सालाना सब्जी का उत्पादन करता है. जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत रबी व जायज सीजन के दौरान सब्जियों का उत्पादन होता है. इस समय मुख्य रूप से टमाटर, शिमला मिर्च, घिया, तौरी, करेला, खीरा, मिर्च, भिंडी इत्यादि का उत्पादन हो रहा है.
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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी