जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध कृषि साख सहकारी समितियों पर हुए घोटाले की सच्चाई अब सबके सामने आई गई है। सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद के अनुमान अनुसार प्रदेश में यह 3 हजार करोड़ का घोटाला है। उनका कहना है शिकायतों के लिए पोर्टल बना दिया है। पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए जांच टीम भी बनाई जाएगी। इसके बाद घोटालेबाजों से एक-एक पाई वसूल करेंगे। वहीं अपैक्स बैंक के प्रबंध संचालक ने ग्वालियर की सहकारी समितियों पर हुए घोटाले का सच जानने निरीक्षण किया। अब वे सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे।
किसान ऋण माफी में पारदर्शिता बरतने के लिए पंचायतों पर किसानों के ऋण की सूची चस्पा की गई। इस सूची के चस्पा होने से किसानों में हड़कंप मच गया, क्योंकि उन्होंने समितियों से कर्ज नहीं लिया, फिर भी एक से दो लाख तक का कर्जदार बना दिया। अपना नाम सूची में देखकर लोग अचंभित रह गए। नई सरकार भी हैरान है कि 15 साल में जिला सहकारी बैंक के पैसे को नेता, महाप्रबंधक, प्रबंधक व समिति प्रबंधकों ने पैसे का कैसे और कितना गबन किया है। पूरे प्रदेश में फर्जी ऋण वितरण की शिकायतों का अंबार लग गया है।
सहकारिता विभाग ने इस संबंध में रिपोर्टे भी ली। सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने नईदुनिया से चर्चा में कहा कि प्रदेश में 3 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। शिकायतों के लिए पोर्टल बनाया है। इस पूरे घोटाले की जांच के लिए टीमें बनाई जाएगी। किसान को चिंता करने की जरूरत नहीं है, उनके नाम जो फर्जी ऋण निकाला गया है, उसकी एक-एक पाई दोषियों से वसूल करेंगे।
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स्रोत: Nai Dunia