बाज़ार में भले ही प्याज़ की कीमत 20 से 30 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है लेकिन उपज में लगे इसके किसान इसकी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं. उनकी हालत इस कदर ख़राब है कि प्याज़ की कीमत गिरने के बाद से दो किसानों ने आत्महत्या कर ली है.
ख़बर तो यहां तक आई कि किसानों को अपने प्याज़ की कीमत 50 पैसे प्रति किलो की दर से भी नहीं मिल रहे हैं और गिरते भाव से बेहाल प्याज़ के किसान इसे सड़कों पर फेंक रहे हैं.
ये वो ख़बरें हैं जो पिछले कुछ दिनों के दौरान प्याज़ की खेती में लगे किसानों की बदहाल स्थिति बताती हैं. स्थिति ये है कि आज पूरे देश में प्याज़ के पैदावार की लागत और इसकी बिक्री से होने वाली कमाई में कोई संतुलन नहीं है. स्वाभाविक रूप से, जो किसान पहले से गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे थे उनके हालात और भी असहज हो गए हैं.
पिछले हफ़्ते, नासिक ज़िले के एक किसान संजय साठे इस उम्मीद से बाज़ार पहुंचे कि उनके प्याज़ की अच्छी कीमत मिलेगी. लेकिन, हुआ इसके उलट. 750 किलो प्याज़ बेचने के बाद उन्हें केवल 1064 रुपये मिले. यदि ट्रैक्टर का भाड़ा और मजदूरी को इसमें से घटाएं तो उनकी कमाई कितनी हुई. साठे ने फौरन ही इस हुई कमाई का मनीऑर्डर बनाया और प्रधानमंत्री के दफ़्तर पीएमओ भेज दिया. मामले की जांच के बाद पीएमओ ने वो पैसा उन्हें वापस भेज दिया.
Source: BBC