200 साल पुराने ट्रैक्टर के साथ यहां हैं अजब-गजब उपकरण

January 17 2019

आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को कुछ समय बाद गूजरी महल, जयविलास पैलेस, नगर निगम संग्रहालय के अलावा एक नया म्यूजियम देखने का अवसर भी मिलेगा। यह म्यूजियम कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर में बनाया जा रहा है। यह प्रदेश का पहला एग्रीकल्चर साइंस म्यूजियम होगा। जानकारी अनुसार इसके लिए बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है। इसमें कृषि से जुड़े एंटीक आइटम्स को स्थान दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय की मंशा है कि इस म्यूजियम की जानकारी ग्वालियर टूरिज्म विभाग की बेवसाइट में भी शामिल हो। इसके लिए विभाग को एक पत्र भी लिखा गया है। इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि शहर के पर्यटन स्थलों की लिस्ट में इसे भी स्थान दिया जाए, ताकि पर्यटक म्यूजिक देखने आ सकें।

27 कृषि विज्ञान केंद्रों को भेजा पत्र

कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेशभर में 27 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित किए जाते हैं। इन सभी केंद्रों को विभाग ने पत्र भेजा है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि उनके यहां रखे कृषि से संबंधित पुरानी सामग्री, यंत्र और अन्य एंटीक आइटम्स को कृषि विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएं। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि यदि किसी किसान के पास कृषि से जुड़ी पुरानी उपयोगी वस्तु है तो उसे खरीद लें।

इनका संग्रह हो चुका है

दही मथनी, मूसल, पुराने बर्तन, खल्लड़, अनाज भरने के लिए मिट्टी के बड़े- बड़े बर्तन, स्टोप सहित कृषकों द्वारा पुराने समय में उपयोग की जाने वाली कई चीजों का संग्रह विश्वविद्यालय द्वारा किया जा चुका है। कोशिश की जा रही है कि इस तरह की अन्य चीजों का एक अच्छा संग्रह तैयार किया जाए। इससे लोगों को यह भी पता चल सकेगा कि पुराने समयमें किसानों का खानपान, रहन-सहन किस तरह का था।

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि म्यूजियम में 200 साल पुराना ट्रैक्टर भी नजर आएगा। वर्तमान में यह ट्रैक्टर कृषि महाविद्यालय परिसर में रखा गया है। यह ट्रैक्टर जापान से मंगाया गया था।

एक्सपर्ट देंगे लाइव डेमो

म्यूजियम तीन श्रेणियों में विभाजित होगा। इसमें एक तरफ पुराने कृषि उपकरण रखे जाएंगे। दूसरी तरफ वर्तमान समय में उपयोग किए जाने वाले कृषि उपकरण भी देखने को मिलेंगे। इसके अलावा भविष्य में इनमें किसी तरह के बदलाव हो सकते हैं, इसके मॉडल्स भी म्यूजियम में रखे जाएंगे। जो सैलानी म्यूजियम में आएंगे, उनको एक्सपर्ट द्वारा लाइव डेमो दिया जाएगा। प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रेजेंटेशन देते हुए अलग-अलग कालों में कृषि के क्षेत्र में आए बदलावों से लोगों को परिचित कराया जाएगा।

म्यूजियम के लिए हमारी तरफ से बिल्डिंग तैयार की जा चुकी है। इसे आकर्षक और भव्य रूप देने की प्लानिंग की जा रही है। हमारे द्वारा कृषि और कृषकों से संबंधित कुछ पुरानी सामग्री एकत्रित कर ली गई है। कुछ एंटीक आइटम्स को को कृषि सम्मेलन व मेले से खरीदने की स्वीकृति भी मिल गई है। यह प्रदेश का पहला एग्रीकल्चर साइंस म्युजियम होगा, जो शहर का नाम देशभर में रोशन करेगा। इससे कृषि के क्षेत्र में रुचि रखने वालों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिल सकेंगी

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स्रोत - Nai Dunia