Drone Technology से खाद छिड़काव का नया तरीका, किसानों का काम होगा आसान

December 09 2021

बदलते समय के साथ किसानों ने ड्रोन टेक्नोलॉजी को अपनाना शुरू कर दिया है। अब ड्रोन सिर्फ खिलौने की तरह नहीं, बल्कि इसका इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में भी हो रहा है। ड्रोन टेक्नोलॉजी किसानों का कई मामलों में काम आसान कर सकता है।

जी हां, इसी संदर्भ में ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन ने किसानों को आश्वासन दिया है कि वह एक डीम्ड यूनिवर्सिटी सस्त्र की सहायता से किसानों की समस्याओं का समाधान कर सकता है।

ONGC ने किसानों को दिया बढ़ावा

यह आश्वासन ONGC और सस्त्र-प्रौद्योगिकी बिजनेस इनक्यूबेशन केंद्र के साथ हाल ही में चार दिवसीय मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। बता दें कि इसका उद्देश्य जैविक खेती के लाभों को प्रेरित करना, शिक्षित करना, उपज में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग और इस तरह कृषि कार्यों से अधिक आय प्राप्त करना है।

एडवांस होंगे किसान

इस तरह से कार्यक्रम को डिजाइन किया गया था कि जैविक खेती आजीविका के लिए हर्बल दवा और खेती में आधुनिक तकनीक को शामिल किया जाए।

इसमें भाग लेने वाले लोगों को जैविक खेती गतिविधियों को समझने, अनुभव करने और उनका पता लगाने के लिए पुदुकोट्टई जिले के कीरनूर में एक जैविक खेत में ले जाया गया।

ड्रोन टेक्नोलॉजी क्यों है खास

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों को सस्त्र-टीबीआई केंद्र ले जाया गया। जहां उर्वरक/कीटनाशक के छिड़काव के लिए ड्रोन के उपयोग और जल प्रबंधन और मिट्टी परीक्षण के लिए आईओटी के बारे में बताया गया।इसके अलावा, किसानों को खाद्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र में व्यावसायिक संभावनाओं के बारे में बताने के लिए राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान तंजावुर में ले जाया गया।

इस चर्चा के दौरान किसानों ने अपने सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं के साथ मुद्दों के समाधान की सूची बनायी। इसी के चलते ओएनजीसी और सस्त्र ने मुद्दों का समाधान करने का आश्वासन दिया साथ ही इस पहल के माध्यम से किसानों के कल्याण का ध्यान रखा जाएगा।

ड्रोन तकनीक कैसे बदल रही है कृषि उद्योग?

ड्रोन से खेतों में पानी और फ़र्टिलाइज़र का छिड़काव कर सकते हैं, जिससे कृषि में काफी मदद मिल सकती है और उत्पादन की मात्रा बढ़ सकती है। कृषि में ड्रोन के जरिये फसलों, पशुधन की निगरानी, ​​सिंचाई प्रबंधन और अन्य चीज़ें शामिल हैं। वहीं ड्रोनफ्लाई का अनुमान है कि ड्रोन मैन्युअल रूप से 40-60 गुना तेजी से उर्वरक स्प्रे कर सकते हैं।

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स्रोत: Krishi Jagran