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छत्तीसगढ़ के रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय फूलों की प्रजाति पर नए तरह के आविष्कार करने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में कॉलेज परिसर के पॉलीहाउस में सेंवती फूलों की खेती को करने का कार्य हुआ है। दरअसल पॉलीहाउस में सेंवती फूल की खेती में सेंवती फूल के प्रयोग ने सभी को हैरानी में डाल रखा है। पूरी प्रक्रिया में गार्डन में फूल के 2 हजार से ज्यादा गुच्छे मिले हैं। अगर सेवंती फूल की बात करें तो इसकी ऊंचाई पांच फुट से ज्यादा हो सकती है। नये प्रयोग के पौधे की ऊंचाई कुल पांच फुट से ज्यादा होती है और फसल को तैयार होने में कुल एक महीने से ज्यादा का वक्त लगता है। दरअसल विश्वविद्यालय फूल पर हुए इस सफल प्रयोग को देखकर इसकी खेती का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है। आधे एकड़ में हुई सेवंती के फूल की खेती से अच्छी कमाई हुई है।
विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सेंवती के फूलो का उपयोग लूज फूल के रूप में किया जाता है। इनकी कीमत बाजार में कम ही होती है। इसको यहां पर सजावटी और मार्केटिंग फूलों के लिए तैयार किया जाता है। इसके लिए पौधे की प्राकृतिक अवस्था को कृत्रिम रूप में बदलने का कार्य किया गया है। यहां पर पॉली हाउस के अंदर इस फूल को अलग-अलग रंगों में विकसित किया गया है। पॉली हाउस में सेंवती की सफेद रंग, पीला, हरा, गुलाबी और अन्य फूलों की खेती को किया गया है। इस पॉली हाउस में सुरक्षात्मक जैसा एक विशेष आवरण होता है और उपकरणों की सहायता से यहां के अंदर के तापमान, आदर्ता और प्रकाश को आप आसानी से नियंत्रित कर सकते है। इसका काफी बेहतर परिणाम सामने आया है।
फोटो पीरियड में बदलाव हुआ
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने जानकारी दी कि यहां पर जो पॉली हाउस है उसमें पांच सेंटीमीटर ऊंचे पौधे लगाए गए हैं। इसके बाद सामान्य ऊंचाई को बढ़ाने के लिए सूरज की रोशनी के अलावा करीब पांच से छह घंटे तक अतिरिक्त रोशनी देने का कार्य किया गया है। इन पौधों को सुबह से रात तक बल्ब की रोशनी उपलब्ध करवाई गई है। ज्यादा समय तक सेंवती के फूलों को प्रकाश मिल जाने से उनके फोटो पीरियड में बदलाव हो गया है। इसका यह नतीजा निकला कि पौधे कि ऊंचाई तो बढ़ गई लेकिन उनपर फूल नहीं आए है।
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स्रोत: कृषि जागरण