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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 15वें वित्त आयोग के समक्ष पंजाब के किसानों की पूर्ण कर्ज माफी के लिए विशेष पैकेज की मांग की है। मुख्यमंत्री ने राज्य की तंग वित्तीय स्थिति और किसानों के कर्ज संकट का हवाला देते हुए इस पैकेज की मांग की।
जुलाई 2022 में जीएसटी लागू होने से राज्य के राजस्व नुकसान की भरपाई की सीमा खत्म होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कैप्टन ने कहा कि इसके बाद राज्य को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा। यह नुकसान 10 से 12 हजार करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून, 2022 से पहले पंजाब जैसे राज्यों के लिए केंद्र सरकार से एक ग्रेडेड मुआवजे के फार्मूले की सिफारिश की जाए।
राज्य की विशेष समस्याओं पर रोशनी डालते हुए मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर विशेष औद्योगिक पैकेज देने की भी मांग की। जैसा कि पहाड़ी राज्यों को दिया गया है। कैप्टन ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार ने राज्य को 2.10 लाख करोड़ का कर्जाई बना दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शत्रुतापूर्ण पड़ोसी से उत्पन्न आंतरिक सुरक्षा खतरा और जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद के खतरे के साथ-साथ ड्रग्स की समस्या और भी बढ़ गई है। यह राज्य को एक विशेष पैकेज देने जाने के लिए एक उपयुक्त कारण बनता है।
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स्रोत: Jagran