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केंद्रीय कृषि मंत्री, राधा मोहन सिंह, ने हजारीबाग शहर के पास गौरीकर्मा में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थानों (IARI) प्रशासनिक ब्लॉक का उद्घाटन करते हुए आरोप लगाया कि पिछली UPA सरकार ने एक दूसरे IARI की स्थापना के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की अनदेखी की.
कृषि मंत्री ने कहा, "जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई तो उसने प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिकों की सिफारिशों पर तत्काल ध्यान दिया और बिना अधिक देरी के नई दिल्ली के बाद देश के दूसरे आईएआरआई की स्थापना को मंजूरी दी."
श्री सिंह ने यह भी कहा कि पीएम मोदी प्रदर्शन में विश्वास करते हैं न कि घोषणाओं में. नरेंद्र मोदी ने जून 2015 में दूसरे IARI की आधारशिला रखी. IARI परियोजना युवा किसानों और वैज्ञानिकों की किस्मत को बदल देगी क्योंकि उन्हें कृषि विज्ञान में बेहतर गुणवत्ता वाले शिक्षण और अनुसंधान प्राप्त होंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस रुपये का कामकाज हजारीबाग के सुदूर इलाके में 200 करोड़ का संस्थान पूरे पूर्वी भारत और उत्तर प्रदेश में एक कृषि क्रांति लाएगा. इससे कृषि विकास की काफी संभावनाएं होंगी और किसानों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
इसके माध्यम से, हर साल कृषि में 159 वैज्ञानिकों को बेहतर तकनीक का प्रशिक्षण मिलेगा और 90 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. संस्थान में कृषि, पशुपालन और अनुसंधान सहित तीन संकाय भी होंगे.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री और हजारीबाग के नेता जयंत सिन्हा के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा की गई परियोजनाओं ने हजारीबाग और रामगढ़ जिलों को सर्वांगीण विकास में मदद की है.
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स्रोत: Krishi Jagran