लखनऊ की IISR द्वारा खोजी गई नई तकनीक रिंग-पिट मेथड (Ring-Pit Method)

April 19 2018

भारत की मेहरबानी पाकिस्तान के किसानों पर भी होने लग गई है। पाकिस्तान के गन्ना किसान और चीनी उद्योग नई खुशहाली की तरफ बढ़ रहा है और पाकिस्तान के इन किसानों की प्रगति में सबसे बड़ा योगदान भारत का है। इस बात की चर्चा पाकिस्तानी मीडिया में भी खूब हो रही है। दरअसल कुछ वक्त पहले भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Sugarcane Research) ने गन्ने की बुवाई के रिंग-पिट मेथड (Ring-Pit Method) की खोज की थी, जिसे गोलाकर गड्डा बुवाई विधि भी कहते हैं।

सबसे बड़े फायदे के तौर पर इस विधि की मदद से गन्ने की खेती की लागत कम हो जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि उत्पादन भी काफी बढ़ जाता है। साथ में गन्ना की क्वालिटी में काफी सुधार होता है जिसकी वजह से चीनी और गुड़ भी अच्छी क्वालिटी का बन पाता है। 

भारत द्वारा खोजी गई इस तकनीक को पाकिस्तान में सबसे पहले स्वीट गोल्ड रिंग-पिट (Sweet Gold Ring-Pit) नाम की एक पाकिस्तानी कंपनी ने अपनाया, जो गन्ने पर शोध करने के लिए जानी जाती है।उसने इस मेथड के बारे में पाकिस्तान के गन्ना किसानों को जागरुक करना शुरु कर दिया था। इस वजह से आज पाकिस्तान के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य पंजाब में रिंग-पिट मेथड से ही बुवाई करते हैं और किसान गन्ने की अच्छी पैदवार करने में सफल हो पा रहे हैं।

स्वीट गोल्ड रिंग-पिट (Sweet Gold Ring-Pit) के मालिक इरफान उल्लाह खान के मुताबिक इस मेथड से गन्ना की बुवाई करने पर पानी जरूरत भी कम होती है। जिसके कारण यह विधि और भी किसानों को पसंद आ रही है।

स्वीट गोल्ड रिंग-पिट फर्म को साल 2011 में शुरु किया गया था। इसे बनाने वाले इरफान उल्लाह खान का कहना है कि भारत-पाकिस्तान की जलवायु एक जैसी होने के बावजूद भी पाकिस्तान में गन्ने का उत्पादन 45 से 50 टन प्रति हेक्टेयर ही हो पाता था, लेकिन  भारत में 66 टन प्रति हेक्टेयर से ज्यादा गन्ना पैदा होता था। ऐसे में भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (IISR) द्वारा विकसित की गई विधि रिंग-पिट मेथड को पाकिस्तान के पंजाब राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में 5 हजार गडडे बनाकर रिंग-पिट मेथड से गन्ने की बुवाई की गई।

इरफान उल्लाह खान का कहना है कि भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के विजन 2030 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रिंग-पिट मेथड को पाकिस्तान में अपनाकर गन्ने की पैदावार बढ़ाई जा रही है। इसके साथ ही किसानों के बीच में भी इस मेथड का खूब जोर-शोर से प्रचार भी किया जा रहा है।

अपने प्रचार के लिए इरफान ने नारा रखा है “लेट्स ग्रो स्वीट गोल्ड इन पाकिस्तान” जिसकी वजह से पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और नार्थ-वेस्ट फ्रंटियर जैसे प्रदेशों में गन्ने की खेती कर किसानों को फायदा हो रहा है। साथ ही आपको बता दें कि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन ब्राजील में किया जाता है जबकि भारत विश्वस्तर पर दूसरे नंबर पर आता है और पाक 5वें पायदान पर है।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|

Source: Kisan Khabar