मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अब नई आफत सामने आ रही है। इस बार लहसुन की खेती कर रहे किसान प्रदर्शन करने के लिए आमदा हो रहे हैं। और इसके पिछे वजह है लहसुन कि कीमतों का लगातार गिरना। लहसुन कि कीमत थोक बाज़ार में एक रूपए से भी कम हो गया है जिसके कारण वहां के किसान लहसुन को खुले में फेंकने को मजबूर हो गए हैं। अगर इसके पीछे की वजहों की बात करें तो कुछ लोगों का मानना है की अत्यधिक उत्पादन और व्यापारियों के पास नकदी की कमी के कारण सीमित खरीद को इस गिरावट का कारण बता रहे हैं।
बता दें की मध्य प्रदेश में सबसे अधिक लहसुन मालवा में उत्पादित होती है और वहां के किसान इसके लिए वस्तु एवं सेवा कर को दोषी ठहरा रहे हैं। किसानों का कहना है कि एक रुपए से पांच रुपए तक बेचने में किसानों को लागत भी नहीं मिल रहा है तो बेहतर यही है की लहसुन को फेंक ही दिया जाए। किसानों को लहसुन बेचने के लिए परिवहन खर्च के साथ मंडी के और भी कई तरह के खर्च उठाने होते हैं जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी होती है।
वहीं सूत्रों ने बताया कि इस साल जनवरी में नीमच सब्जी मंडी में लहसुन की कीमत 50 से 80 रुपये किलो थी लेकिन तब से कीमतें लगातार गिरती जा रही हैं। पिछले वर्ष जनवरी में किमतें 30 से 50 रुपये किलो और दिसंबर में 5 से 20 रुपये किलो थीं।
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Source: Krishi Jagran