सरकार अब जमीन के पोषक तत्वों के आवश्यकतानुरूप कराएगी खेती

November 28 2018

उत्तर प्रदेश में अब पोषण के आवश्यकता को ध्यान में रखकर खेती की जाएगी. प्रदेश सरकार इस पहल की शरूआत ‘बिल एंड मिलिंडा गेट्स‌ फाउंडेशन’ और ‘टाटा फाउंडेशन’ के सहयोग से करने वाली है. इसके लिए सरकार सबसे पहले अलग-अलग इलाकों में मैपिंग करायेगी, जिससे यह पता चल सके की किस क्ष्रेत्र में किस पोषक तत्व की कितनी ज़रूरत है. उसके बाद उस क्षेत्र में जमीन के पोषक तत्वों के हिसाब फसलों की खेती की जाएगी.

पुराने ज़माने में सभी जगहों पर सभी प्रकार की फसले उगाई जाती थी. अब खेती के स्वरूप में अभूतपूर्व बदलाव हो चुका है. एक बड़े क्षेत्र में एक-दो फसलें ही पैदा की जाती है. यही कारण है की स्थानीय गरीब लोगों को भोजन में भी सभी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. सही पोषक तत्व न मिलने की वजह से ही देश के लाखों बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते है. गत दिनों में सरकार ने इस विचार विमर्श किया है जिससे अब यह पता चल सके कि लोगों को किन पोषक तत्वों की कमी के वजह से दवाओं की खुराक लेनी पड़ती है. 

बता दे, कि इसी को ध्यान में रखकर हाल ही में कृषि विभाग, उद्यान विभाग, बीज विकास निगम सहित कई विभागों के अधिकारियों की बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और टाटा फाउंडेशन के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. इसी बैठक में तय किया गया की सबसे पहले मैपिंग कराई जाए कि किस क्षेत्र में किस पोषक तत्व की जरूरत है. उसके अनुसार ही वहां खेती करवाई जाए. इसी बैठक में यह भी तय किया की मैपिंग होने के बाद हर क्षेत्र में एक एडवाइजरी कमेटी बनाई जाएगी. ये एडवाइजरी कमेटी किसानों को खेती के नये तरीकों के लिए तैयार करेंगी. विषेशरूप से इस काम में सबसे ज्यादा से ज़्यादा महिलाओं को जोड़ने की कोशिश की जाएगी. किसानों को अच्छी किस्म के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. मैपिंग कराने का काम कृषि विभाग को दिया गया है. मैपिंग कराने के बाद बहुत जल्द एक और बैठक होगी. इसमें खेती के लिए इलाके चिह्नित किए जाएंगे.

Source: Krishi Jagran