समय पर योजनाओं का बजट भी खर्च नहीं कर पा रहा है कृषि विभाग

April 23 2018

योजनाओं के लिए बजट का टोटा बताने वाले विभाग हकीकत में उपलब्ध बजट को भी सही समय पर खर्च नहीं कर पा रहे हैं. इसके कारण योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन ही नही हो पाता है और ना ही संबंधित को उनका लाभ मिल पाता है. कुछ ऐसा ही हाल है कृषि विभाग का. कृषि विभाग केन्द्र से मिले बजट को समय पर खर्च नहीं कर पा रहा है. पिछले तीन सालों में केन्द्र की ओर से आवंटित किया गया बजट विभाग समय से खर्च नहीं कर पाया है. बजट में मिली राशि सही समय से खर्च नहीं कर पाने की वजह कृषि विभाग बजट मिलने और मांगों के अनुमोदन में होने वाली देरी को बता रहा है.

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य को केन्द्र की ओर से कृषि पशुपालन के विभिन्न प्रोजेक्ट और योजनाओं के लिए बजट आवंटित किया जाता है. लेकिन 2015-16 से मिलने वाले बजट को कृषि विभाग एक बार भी सही समय से खर्च नहीं कर पाया है. साल 2015-16 में विभाग को 601 करोड़ की राशि मिली थी जिसमें से 537 करोड़ ही खर्च हो पाये जबकि साल 2016-17 में मिली 514 करोड़ की राशि में से भी 496 करोड़ ही खर्च हो सके. इसी तरह 2017-18 में मिली 416 करोड़ की राशि में से भी जनवरी तक 217 करोड़ ही खर्च हो पाये थे.

समय पर राशि खर्च नहीं करने से योजनाओं की क्रियान्विति भी प्रभावित हो रही है. हर साल बजट राशि बच जाती है जिसके बाद विभाग शेष राशि को नए वित्तीय वर्ष के लिए उपयोग में लेने की अनुमति मांगता है. सही समय से योजनाओं में बजट को खर्च नहीं कर पाने के कारण भी विभाग को केन्द्र से मिलने वाली राशि भेजे गए प्रस्तावों की तुलना में काफी कम मिल रही है. वहीं विभाग आए हुए बजट की भी पूरी राशि भी खर्च नहीं कर पा रहा है. कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी का कहना है कि इस साल की कृषि का 92 प्रतिशत और उद्यानिकी का 87 प्रतिशत बजट खर्च हुआ है.

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Source: Krishi Jagran