वायदा बाजार से निराश चना व्यापारियों की नजर अब त्योहारी मांग पर

August 01 2017

By: Infopatrika, 1 July 2017

चना के भावों ने पिछले कुछ दिनों से बैक गियर लगाया हुआ है। सोमवार 31 जुलाई को चने के भावों में कुछ सुधार हुआ। सोमवार को चने के वायदा और हाजिर कारोबार में तेजी देखी गई है। एनसीडीईएक्स पर चने के 20 सितंबर के वायदा सौदे 111 रुपये तेज होकर 4929 रुपये क्विंटल हो गए। वहीं 13 अक्टूबर के भाव 4849 रुपये क्विंटल जबकि 20 नवंबर के वायदा सौदे 4820 रुपये क्विंटल में हुए।

हाजिर बाजार में भी कुछ तेजी देखने को मिली। मुंबई में आयातित चना के भाव बढ़कर 5,100 रुपये, मुंदडा में 5,150 रुपये हो गए। वहीं हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान की मंडियों में चने में कुछ तेजी दिखाई दी।

क्या हुआ है अब तक

14 जुलाई को चना वायदा कारोबार दोबारा शुरू हुआ तो उम्मीद की जा रही थी कि अब कीमतों में सुधार देखने को मिलेगा लेकिन 10 दिन में वायदा बाजार में चना 500 रुपये से ज्यादा लुढ़क गया है। एनसीडीईएक्स पर 14 जुलाई को कारोबार के पहले दिन चना वायदा जोरदार ढंग से शुरू हुआ। पहले कारोबारी दिन 91 करोड़ रुपये मूल्य के 17,380 टन चने के सौदे हुए। लेकिन ये तेजी चार दिन की चांदनी साबित हुई। 28 जुलाई को कीमतें टूटकर 4,800 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे पहुंच गईं। 31 जुलाई को कीमतों को कुछ सहारा मिला।

क्या हो सकता है आगे

चना और चने दाल के कारोबारियों का अनुमान है कि चने में बहुत ज्यादा तेजी के आसार काफी कम है। चना का स्टॉक तो उत्पादक मंडियों में पिछले साल से ज्यादा है, लेकिन भाव काफी नीचे आ चुके हैं, जबकि आगे चना दाल और बेसन में खपत ज्यादा रहेगी। त्यौहारी सीजन के कारण खासकर के बेसन में मांग और बढ़ेगी, इसलिए चना की कीमतों में आगे और सुधार आने का अनुमान है। यहां से चने में कुछ सुधार तो हो सकता है लेकिन बड़ी तेजी आने की संभावना काफी कम है।

इसलिए है कीमतों पर दबाव

चने में आई गिरावट का एक प्रमुख कारण चना आयात को माना जा रहा है। आस्ट्रेलियाई चना भारतीय बाजार में 4,900 रुपये में फायदे के साथ बिक रहा है। इससे देशी चने की कीमतों में गिरावट आई है। इसके अलावा इस बार व्यापारियों ने चने में तेजी की संभावना को देखते हुए काफी स्टॉक जमा कर रखा है। हरियाणा के हिसार, आदमपुर लोहारू, राजस्थान के बीकानेर और मध्यप्रदेश के अधिकांश चावल उत्पादक क्षेत्रों के व्यापारियों ने चने का स्टॉक किया है। आयातीत चने के सस्ता पडने और चना वायदा की कीमतों में गिरावट से अब व्यापारियों में हताशा है। वर्ष 2016-17 के दौरान देश में 2.2 करोड़ चने का उत्पादन हुआ है। इसका मतलब है कि देश में पर्याप्त चना है।

कुछ व्यापारी अब माल निकालने लगे हैं क्योंकि उनको लगता है कि इसमें आगे और घाटा होगा। हरियाणा के आदमपुर में चने की दलाली करने वाले एक दलाल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चने का यहां काफी स्टाक है। व्यापारियों ने पांच हजार से 5200 तक में सौदे लिए थे। बहुत से व्यापारी अब आए दाम पर ही माल निकालने को तैयार हैं। व्यापारियों को वायदा कारोबार से उम्मीद थी। लेकिन वहां भी मंदा आने से अब व्यापारी दिल छोड़ने लगे हैं।

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