राज्य में रबी का रकबा घटने के आसार

January 15 2019

प्रदेश में रबी फसलों की बोनी में कमी आयी है। चालू वर्ष में 112.29 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है। जबकि लक्ष्य 125.20 लाख हेक्टेयर रखा गया है। हालांकि मौसम को देखते हुए लक्ष्य पाना तो मुश्किल था परन्तु गत वर्ष हुई बोनी के बराबर पहुंचना भी अब आसान नहीं लग रहा। गत वर्ष 115 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी। जिससे वर्तमान बोनी लगभग 3 लाख हेक्टेयर कम है। यह स्थिति दलहनी फसलों के रकबे में कमी के कारण बनी है।

जानकारी के मुताबिक राज्य में रबी फसलों की बोनी 112.29 लाख हेक्टेयर में की गई है। जबकि गत वर्ष अब तक 102 लाख हेक्टेयर में तथा कुल रबी बोनी 115 लाख हेक्टेयर में की गई थी। इसे देखते हुए अब भी करबा चालू वर्ष में 3 लाख हेक्टेयर कम है। गेहूं की बोनी 58.30 लाख हेक्टेयर में की गई है जिसमें कुछ बढ़ोत्तरी की संभावना बताई जा रही है। कृषि विशेषज्ञों एवं अधिकारियों का कहना है कि कपास की कटाई के बाद गेहूं की बोनी कुछ क्षेत्रों में की जा रही है। जिससे रकबा बढऩे की उम्मीद है। परन्तु दूसरी तरफ दलहनी फसलों की कमजोर बोनी के कारण रकबा लक्ष्य से लगभग साढ़े 6 लाख हेक्टेयर कम रह गया है तथा पिछले सीजन के मुकाबले भी लगभग 3 लाख हेक्टेयर की कमी बनी हुई है। गत वर्ष कुल दहलनी फसलें 45.59 लाख हेक्टेयर में बोई गई थीं जो इस वर्ष 42.42 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया है। इसमें चने की बोनी 34 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि गत वर्ष 35.90 लाख हेक्टेयर में चना बोया गया था। इसी प्रकार इस वर्ष मटर की बोनी में लगभग 50 हजार हेक्टेयर एवं मसूर की बोनी में 75 हजार हेक्टेयर की कमी बनी हुई है।

राज्य में तिलहनी फसलों के रकबे में कुछ वृद्धि हुई है। गत वर्ष 9.13 लाख हेक्टेयर के विरुद्ध इस वर्ष 9.37 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई है। इसमें सरसों की बोनी 7.85 लाख हेक्टेयर में    हुई है 

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स्रोत - Krishak Jagat