मध्‍यप्रदेश के निजी विश्‍वविद्यालय भी दे सकेंगे कृषि की डिग्री

April 14 2018

जबलपुर, किसानों के बाद अब विद्यार्थियों को भी कृषि से जोड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश में अब निजी विश्वविद्यालय भी एग्रीकल्चर की डिग्री दे सकेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने निजी विवि को मान्यता देने का रास्ता साफ कर दिया है।

प्रदेश में अभी दो सरकारी कृषि विवि ही कृषि में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री दे रहे हैं। निजी कॉलेजों ने डिग्री देना तो शुरू कर दिया है, लेकिन मान्यता न होने की वजह से इनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को परेशानी आ रही है। मान्यता के लिए निजी विवि को आईसीएआर की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जनवरी से इसकी शुरुआत कर दी गई है।

विवि की मापदंड को परखेगी आईसीएआर की टीम

प्रदेश में अभी दो से तीन निजी विवि कृषि पाठ्यक्रम में यूजी की डिग्री दे रहे हैं, लेकिन न तो इनके पास आईसीएआर की मान्यता है। यहां तक की विवि प्री एग्रीकल्चर टेस्ट न देने वालों को भी इन कोर्स में प्रवेश देती है जबकि उनके पास शासकीय कृषि महाविद्यालय की तरह सुविधा, जमीन और शिक्षक होने चाहिए लेकिन नहीं हैं। यह वजह है कि आईसीएआर की टीम मान्यता के लिए आवेदन करने वाले विवि में निरीक्षण कर उनके महाविद्यालय के मापदंड को परख रही है।

पांच कमियों को दूर करने के बाद मिलेगी मान्यता

1. गवर्नेंस- निजी विवि के पास कृषि विवि की तरह पूरी मैनेजमेंट सिस्टम होना चाहिए

2. क्वॉलिटी- आईसीएआर की पांचवीं डीन कमेटी का सिलेबस लागू किया गया हो।

3. फैकल्टी- विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या आईसीएआर नियम के मुताबिक हो

4. स्टूडेंट्स- हर कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या आईसीएआर के नियम का पालन करती हो

50 इंफ्रास्ट्रक्चर- विवि के पास खुद का फार्म, सीड प्रोडक्शन और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए

मान्यता 4 साल से ज्यादा नहीं चला सकेंगे कॉलेज

मध्यप्रदेश समेत देश के 75 सरकारी कृषि विवि को मान्यता देने से लेकर शिक्षा का संचालन करने और इनमें होने वाले परिवर्तन का अधिकारी आईसीएआर के पास है। आईसीएआर के डीडीजी डॉ.एनएस राठौर के बताया कि निजी विवि भी कृषि में डिग्री देने के लिए आगे आ रहे हैं।

तकरीबन देश में 75 निजी विवि ने इसके लिए आवेदन भी कर दिया है। मध्यप्रदेश से भी आवेदन आने के बाद उनके मापदंड को परखा जाएगा, तभी मान्यता मिलेगी। आईसीएआर बिना मान्यता के एग्रीकल्चर की डिग्री देने वाले विवि को सिर्फ 4 साल का समय देगी, 5वें साल से मान्यता न लेने वालों को डिग्री देना बंद करना होगा।

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Source: Nai Dunia