बंज़र ज़मीन से रोजगार

April 02 2018

आजकल हर दूसरे दिन यही सुनने को आता है कि देश के किसान खेती छोड़ कर कभी अनशन पर है, तो कोई फसल में आग लगा रहा, किसी को फसल के सही दाम नहीं मिल रहे तो कोई फांसी लगा रहा है. कई बार ऐसा होता है की महीनो सालो तक किसान एक बंजर ज़मी पर खेती करता है लेकिन मौसम, पानी,धुप,बरसात के कारण किसानो के केवल निराशा ही हाथ थी. इन्ही सबके चलते किसानो के लिए सरकार ने एक अहम् फैसला लिया है

पिछले कई साल पहले सुना था अच्छे दिन आने वाले है आखिरकार सरकार की नींद टूटी और किसानो के लिए सोचा  गया. बुंदेलखंड के बांदा जिले में किसानो के लिए बंज़र ज़मीन पर मेहनत करते आए किसानों को औषधीय खेती के रूप में संजीवनी मिल सकती है। जैव ऊर्जा विकास बोर्ड के नेतृत्व में इसे लेकर तैयारियां चल रही हैं। बुंदेलखंड के साथ साथ उत्तरप्रदेश के 15 जिलों में औषधीय खेती के व्यापक विस्तार का खाका तैयार किया गया है। जुलाई से बड़े पैमाने पर इसकी शुरुआत हो जाएगी। इसके लिए सरकार ने हर एक परिक्षण कर लिया गया है. अधिक तापमान पर खेती की जाएगी जिससे किसानो की आमदनी हो सके. किसानो के लिए सरकार ने बीज से लेकर बाज़ार में जाने तक सारी व्यवस्था कर ली है। साथ ही सरकार ने लेमन ग्रास, तुलसी,अस्वगंधा जैसी खेती के लिए प्रेरित  किया गया जिससे कम पानी अधिक तापमान में भी खेती हो सके और किसानो को उस खेती से कुछ फायदा हो सके!

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Source: Krishi Jagran