फिर से हो सकता है महाआंदोलन, 200 किसानों ने मांगी इच्छा मृत्यु

May 24 2018

सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिला अंतर्गत 200 किसानों ने इच्छा मृत्यु का ज्ञापन कलेक्टर को सौंप कर सनसनी फैला दी है। जैसे ही ये बात शहर में फैली चारों तरफ हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कलेक्टर खुद ज्ञापन लेने भागते हुए चले आए। बताया गया कि मैहर और रामनगर तहसील क्षेत्र के एक दर्जन गांवों के किसान पावर ग्रिड कंपनी के तनाशाही रवैये से परेशान है। कंपनी मनमानी पूर्वक किसानों के खेतों में 765 केव्ही टावर लाइन निकाल रही है। मुआवजे के नाम पर फूटी कौड़ी तक नहीं दे रही। ऊपर से जेल में डाल देने की धमकी दी जाती है। इसलिए प्रताडऩा से तंग आकर दो सैकड़ा किसानों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की मांग की है।

बड़े आंदोलन के संकेत दो सैकड़ा किसानों ने एक साथ इच्छा मृत्यु का ज्ञापन सौंपकर शासन-प्रशासन के कान खड़े कर दिए है। एक साथ इतनी संख्या में किसानों का एकत्र होना एक बड़े आंदोलन का संकेत हो सकता है! बता दें कि, मंदसौर में हुए किसान हिंसा की आग अभी ठंड नहीं हुई कि एक बार फिर एमपी के किसानों ने बड़ा आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। जिस तरह प्रदेशभर में किसानों के साथ एक के बाद एक घटनाएं सामने आ रही है। उससे प्रदेश के किसानों में व्यापक रूप से आक्रोश है। पूरे सतना जिले में पावर ग्रिड कंपनी दमनकारी रूप अपना रही है। उचेहरा क्षेत्र के किसानों के बाद अब सतना जिले के अन्य तहसीलों में लोगों के विरोध के स्वर गूंजने लगे है।

इस ज्ञापन में व्यक्त की पीड़ा कृषक सुभाष पाण्डेय सहित 200 किसानों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। ज्ञापन में अपनी पीड़ा व्यक्त करने हुए कहा है कि, सभी कृषक सतना जिले की मैहर व रामनगर तहसील अंतर्गत ग्राम खारा, मझियार, बड़ा इटमा, टेगना, अमुवा टोला, बड़वार, बाबूपुर, बटइया, गजास, नौगांव, देवदहा, रिवारा, सलैया, ककरा आदि ग्रामों के निवासी है। हमारी जमीन पर पावर ग्रिड द्वारा जबलपुर विन्ध्यांचल विद्युत परेशण लाइन का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी क्षमता 765 केव्ही है। लाइन निर्माण के दौरान पावर ग्रिड कंपनी द्वारा भारत सरकार की गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। और न ही पूर्व में निर्माण की गई लाइनों में उचित मुआवजा दिया गया।

उल्टा मुकदमा कायम करने की धमकी कृषकों द्वारा न्याय मांगते पर उल्टा मुकदमा कायम करने की धमकी पावर ग्रिड प्रबंधन द्वारा दी जा रही है। विगत अप्रैल महीने में ग्राम रिवारा के कृषक मोहन स्वरूप दुबे के यहां भी बिना मुआवजा दिए कार्य शुरू कर दिया गया। कृषक राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिलाध्यक्ष भी थे। जिनके ऊपर 151 की कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया गया। उनका दोष केवल मुआवजा मांगना था। परिणामस्वरूप राष्ट्रीय किसान मजूदर महासंघ के कार्यकर्ताओं तथा प्रभावित कृषकों द्वारा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्का जी के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया था। ज्ञापन लेने गए प्रशासनिक अमले का नेतृत्व अपर कलेक्टर धुर्वे कर रहे थे।

समिति गठनकर मुआवजा भुगतान करने के निर्देश उन्होंने ज्ञापन लेते समय दोनों तहसीलों में समिति गठनकर मुआवजा भुगतान कर कार्य करने का आश्वासन दिया था। हालांकि समिति तो बनाई गई लेकिन आज तक कोई निर्णय नहीं हुआ। न किसानों को फूटी कौड़ी मिली न ही किसी प्रकार का निराकण हुआ। पावर ग्रिड तथा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा फिर से किसानों पर कार्य करवाने का अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है। हम किसानों द्वारा विगत एक दो वर्षों से लगातार ज्ञापन और आवेदन दिए जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे दुखी व परेशान होकर हम सभी कृषक राष्ट्रपति से निवेदन करते है कि हमे इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए।

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Source: Krishi Jagran