फसल बुआई में आई भारी कमी, चौंकाने वाले आंकड़ें आए सामने

July 03 2018

जून माह के अंत में देश में होने वाले प्रमुख फसलों की बुआई में कमी आई है. फसलों की बुआई लगभग 1.65 करोड़ रही है, जो पिछले एक दशक की औसत बुआई की तुलना में 15 प्रतिशत कम है. यह जानकारी कृषि विभाग के आंकड़ों के जरिए मिली है. वहीं अगर विशेषज्ञों की मानें तो इस कमी के पीछे जून में मध्य और उत्तर भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की प्रगति में 15 दिनों का अंतराल रहना है. इसके अलावा जून में होने वाली बारिश की बात करें तो यह सामान्य माना गया है. कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वर्षा की मात्रा के अलावा, रोपाई के लिए मिट्टी में जरूरी नमी में सुधार और बारिश का फैलाव भी बुआई के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण होता है. उनका मानना है कि अगर जुलाई और सितंबर के बीच बारिश सामान्य रहती है, तो फसल उत्पादन को प्रभावित किए बिना इससे बुआई में देरी हो सकती है. अर्थशास्त्री कहते हैं कि अगर जुलाई में भी खराब मॉनसून की वजह से बुआई प्रभावित होती है, तो मुद्रास्फीति पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है. जोरदार फसल वर्ष के बाद उत्पादन में गिरावट से थोक मूल्यों में इजाफा होगा और उपभोक्ता मुद्रास्फीति बढ़ेगी.

वहीं अगर राज्यों के अनुसार बात करें तो मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब बुआई में गिरावट के मामले में आगे रहे हैं.  मध्यप्रदेश में कृषि के मुख्य आधार तिलहन की बुआई केवल 2,00,000 हेक्टेयर में ही की गई है, जबकि इसका औसत 13,00,000 हेक्टेयर है. इसके अनुसार अगर देखें तो महाराष्ट्र और गुजरात की दो प्रमुख फसलों दलहन और कपास का भी जून के दौरान यही हाल रहा और बुआई में काफी गिरावट आई. उधर, पंजाब में धान की बुआई में 40 प्रतिशत की कमी देखी गई है.

Source: Krishi Jagran