पीला सोना 3833 और 2525 रुपए प्रति क्विंटल बिका गेहूं

January 21 2019

स्थानीय कृषि उपज मंडी में शनिवार को बंपर आवक हुई हैं। इसके चलते पूरे मंडी परिसर में सोयाबीन से पट गया। दूसरी ओर ट्रैक्टर ट्रॉली की कतारें भी दिनभर लगी रही हैं। शनिवार को गेहूं भी उच्चतम 2525 रुपए प्रति क्विंटल बिका।

मंडी परिसर में इस सीजन में शुरुआत से ही सोयाबीन की बंपर आवक हो रही हैं। इसके चलते कि सानों को भाव भी अपेक्षाकृत अच्छे मिल रहे हैं। जनवरी माह का दूसरा पखवाड़ा प्रारंभ हो चुका है। इस दौरान आवक में हल्की मंदी देखी जाती हैं लेकि न स्थानीय मंडी में अब भी आवक बरकरार हैं। शनिवार को 9500 बोरी सोयाबीन मंडी में बिकने के लिए पहुंचा। अधिकतम भाव 3833 रुपए रहा।

मंडी प्रांगण प्रभारी लखन जोशी ने बताया कि 300 से अधिक ट्रैक्टर में सोयाबीन लेकर किसान पहुंचे थे। इसके चलते पूरा मंडी परिसर दिनभर ट्रैक्टर वाहन से खचाखच भर हुआ था। वही मंडी से फोरलेन की ओर जाने वाले मार्ग पर ट्रैक्टर वाहन कतारबद्ध खड़े थे। इस वजह से दिनभर मार्ग व्यस्त रहा। शुक्रवार रात से ही कि सान ट्रैक्टर वाहन लेकर पहुंच गए थे। यह दौर शनिवार सुबह तक जारी रहा।

दूसरी बार पहुंचा गेहूं

गौरतलब है कि क्षेत्र में कु छ स्थानों पर कि सानों द्वारा गेहूं निकालना प्रारंभ कर दिया हैं। शनिवार को दूसरी मर्तबा मंडी में 15 बोरी गेहूं बिकने पहुंचा। हालांकि आवक जरुर कम रही लेकि न भाव 2525 रुपए प्रति क्विंटल रहा।

ग्राम लेड़गांव के कि सान 6 माह बाद भी भावांतर के भंवर से बाहर नहीं निकल पाए हैं। करीब 40 से अधिक कि सानों ने भावांतर योजना में लहसुन-प्याज बेचा था लेकि न अब किसानों को उनके हक का रुपए नहीं मिले हैं। सरकारी नुमाइंदों की लचिली कार्यप्रणाली के चलते 6 माह बीत चुके हैं। अब भी कि सानों का सरकारी नुमाइंदों द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा हैं। हालांकि अब कि सानजन नई सरकार से आंस लगाए हुए है। तांकि उन्हें उनकी मेहनत का रुपया मिल सकें ।

मामले को लेकर कई बार कि सान जनसुनवाई में कलेक्टर को आवेदन दे चुके हैं। बाजवूद कि सानों को कोई राहत नहीं मिल सकी हैं। किसानों ने राजगढ़ की जिस सहकारी संस्था के माध्यम से प्याज व लहसुन तोला था। उस संस्था के कर्मचारियों का कहना है कि जिले से उनके खातों में रुपए डालने की प्रक्रिया की जाएगी लेकि न आज तक कि सानों का रुपए नहीं मिले हैं।

इन किसानों को नहीं मिला भुगतान

लेड़गांव के कि सान कृष्णा पाटीदार ने 50 क्विंटल लहसुन भावांतर योजना के 800 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेची थी। इस अनुमान से 40 हजार रुपए बनते हैं जो आज आज तक नहीं मिले हैं। कि सान महेश पाटीदार ने 75 क्विंटल लहसुन, सोहनलाल पाटीदार, रवि पाटीदार, निलेश शर्मा, दशरथ पाटीदार, सरदार पाटीदार, कमल पाटीदार, खेमचंद पाटीदार, जगदीश लववंशी, कृष्ण पाटीदार, राजू पाटीदार समेत करीब 40 कि सानों ने भावांतर में लहसुन और प्याज बेची थी।

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स्रोत - Nai Dunia