पान की फसल को हुई क्षति के लिए दिया जायगा मुआवजा ...

March 30 2018

बिहार में पान की खेती बड़े स्तर पर होती है. यहाँ के किसानो को पान की खेती से काफी लाभ मिलता है. परन्तु इस बार पान की खेती करने वाले किसानों को नुकसान हुआ. यह पुष्टि बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कि. बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि दिसम्बर, 2017 से जनवरी,  2018 में राज्य में चली शीतलहर के कारण पान की खड़ी फसल को नुकसान हुआ. यह जानकारी किसानों से प्राप्त हुई. कृषि विभाग द्वारा संबंधित जिलों के सहायक निदेशक, उद्यान को पान की फसल को हुई क्षति का आकलन कर जिला पदाधिकारी के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग को हुई क्षति की जानकारी उपलब्ध कराने निर्देश दिया हैं. साथ ही संबंधित जिलो के पदाधिकारियों को पान फसल की क्षति प्रतिवेदन एवं कृषि इनपुट अनुदान हेतु राशि की अधियाचना सहित आपदा प्रबंधन विभाग को अविलंव भेजने का निदेश दिया गया है, जिससे की प्रभावित किसानो को मुआवजा यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जा सके.

 उन्होंने कहा कि संबंधित जिला के सहायक निदेशक, उद्यान द्वारा 1345.89 एकड़ में शीतलहर से पान के फसल की क्षति प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है. जिलावार प्राप्त विस्तृत प्रतिवेदन को आपदा प्रबंधन विभाग को भेजने की कार्रवाई की जा रही है.

डॉ० कुमार का कहना है कि पान एक बहुवर्षीय, सदाबहार लतरबेल है. पान की खेती नगदी फसल के रूप में बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, बिहार की जलवायु अधिक गर्म एवं ठंडी होने के कारण इसकी खेती खुले खेतों में नही की जा सकती है. इसलिए इसे कृत्रिम मंडप के अन्दर उगाया जाता है, जिसे वरेजा/वरेठ कहते हैं बिहार के कुल 17 जिलों में पान की खेती हो रही है.

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Source: Krishi Jagran