पांच वर्ष में दस गुना बढ़ा दलहन फसलों का रकबा

November 30 -0001

By: Naiduniya, July 20

वर्ष 2013-14 में दस हेक्टेयर में लगाई गई थी, इस बार फिर किसानों ने आजमाई किस्मत

बाजार में दालों की बढ़ती कीमतों के चलते किसानों का रुझान दलहन की ओर बढ़ा

क्षेत्र में इन दिनों खेतों में दलहन की फसलें भी लहलहा रही हैं। इस बार किसानों ने फिर दलहन फसलों पर दाव लगाया है। वर्ष 2013-14 में पूरे क्षेत्र में दस हेक्टेयर से भी कम भूमि पर दलहन फसलें लगाई गई थी। लेकिन वर्तमान में यह रकबा बढ़कर करीब 100 हेक्टेयर हो गया है। अकेले बेहरी क्षेत्र में ही दस हेक्टेयर भूमि पर दलहन फसलें लगाई गई हैं।

जानकारी के मुताबिक दलहन फसलों में उड़द, लाल तुअर एवं मूंग आती है। कृषि विभाग द्वारा लगातार किसानों को दलहन फसलों के प्रति प्रोत्साहित करने के परिणाम स्वरूप वर्तमान में बागली क्षेत्र में यह रकबा 10 हेक्टेयर से बढ़कर 100 हेक्टेयर के लगभग पहुंच गया है। अकेले बेहरी क्षेत्र में ही करीब दस हेक्टेयर भूमि पर दलहन फसल लगी हुई है। करीब 80 प्रतिशत किसानों ने अपनी भूमि पर थोड़ा-थोड़ा रकबा दलहन फसल का लगाया है। इसमें लाल तुअर की मात्रा अधिक है।

दाल के भाव छू रहे आसमान

पिछले दो वर्षों में दाल के भाव आसमान छू रहे हैं। किसान परिवार की गृहणियों का रुझान भी दलहन फसल की ओर बढ़ा है। इसके चलते प्रत्येक किसान ने बीघा-आधा बीघा में दलहन की फसलें लगाई हैं। यही कारण है कि इस क्षेत्र में सोयाबीन के साथ-साथ दलहन की फसलें भी लहलहा रही है। आने वाले वर्षों में इसका रकबा और बढ़ने की संभावना है।

दो क्विंटल बीज किसानों को वितरित

इधर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी सुरेंद्रसिंह उदावत ने बताया पिछले पांच वर्षों से कृषि विभाग प्रदर्शन के रूप में दलहन का बीज किसानों को बांट रहा है। इस वर्ष भी करीब दो क्विंटल से अधिक उड़द का उन्नात बीज प्रदर्शन के रूप में किसानों को दिया गया है। कई किसानों ने अन्य स्थानों से भी बीज खरीदकर लगाया है। अनुमान के मुताबिक दलहन फसल का रकबा दस गुना बढ़कर 100 हेक्टेयर के लगभग हो चुका है। वर्ष 2013-14 में यह रकबा निम्न स्तर पर गिरकर पांच हेक्टेयर तक का रह गया था। लेकिन बाजार में दालों की बढ़ती कीमतों के चलते किसानों का रुझान शून्य दलहन फसल की ओर बढ़ा है। लोगों को घर की बनी हुई दाल में अब रुचि आने लगी है। गृहणियों की रसोई भी दालों से सजी संवरी है।

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