देश में कृषि निर्यात नीति तैयार

January 14 2019

कैबिनेट द्वारा हाल ही में मंजूर की गई कृषि निर्यात नीति पर प्रथम राष्ट्रीय कार्यशाला गत दिनों नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस कार्यशाला का उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने किया। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सी.आर. चौधरी, वाणिज्य विभाग में सचिव डॉ. अनूप वधावन, भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, कृषि विशेषज्ञों और निर्यातकों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।

वाणिज्य मंत्री ने इस अवसर पर सभी राज्य सरकारों से इस नीति के कार्यान्वयन के लिए  समर्पित एक प्रमुख (नोडल) एजेंसी गठित करने को कहा। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि पहली बार कृषि निर्यात नीति तैयार की गई है और यह अत्यंत व्यापक है, क्योंकि अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी), क्लस्टर, लॉजिस्टिक्स और परिवहन जैसे सभी संबंधित क्षेत्र (सेक्टर) इसमें शामिल हैं। 

इस नीति का उद्देश्य वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को वर्तमान 30 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना कर 60 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंचाना और फिर इसे अगले कुछ वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर ले जाना है। 

कृषि निर्यात से जुड़ी वस्तुओं में विविधता लाना और उन बाजारों की तलाश करना समय की मांग है जहां निर्यात हो सकता है। उत्पादन की औसत लागत कम करनी होगी, ताकि भारत की कृषि उपज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।

उपर्युक्त कार्यशाला के दौरान कृषि निर्यात नीति के उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत - Krishak Jagat