ठंड के मौसम में किचन का स्वाद फीका न हो इसलिए बाजार की सब्जियों पर निर्भर रहने के बजाय घर की छत, गार्डन में हरी सब्जियां लगा सकते हैं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में समन्वित कृषि प्रणाली के अंतर्गत टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, मिर्ची, केला आदि फसलों की नर्सरी शुरू की गई है। इससे किसान कम आय में भी बेहतर तरीके से परिवार की देखभाल करने के साथ मौसम के अनुरूप सब्जियों का स्वाद ले सकते हैं। इसके लिए बड़े रकबे की भी जरूरत नहीं है। किसान कृषि विवि में समन्वित कृषि का अवलोकन कर सकते हैं, जिससे उन्हें फसल लेने में सहायता मिलेगी।
मौसम के अनुसार सब्जियां
हरी सब्जियों व फलों के पौधों को उगाने के लिए लोगों को लगता है कि बड़ी जगह की जरूरत होगी। लेकिन ऐसा नहीं है। कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो घर में पड़ी अनुपयोगी सामग्रियों में भी पौधे-सब्जियां लगा सकते हैं।
जैसे बड़े-बड़े तारकोल के ड्रम लें या 75 सेंटीमीटर चौड़ा और इतना ही ऊंचा कोई डब्बा या पात्र। इनमें आम, अमरूद, नींबू आदि के पौधे लगा सकते हैं। कुछ गमलों में और ड्रमों में फलों के पेड़ों के नीचे मौसम के अनुसार सब्जियां उगाई जा सकती है। छोटी-छोटी प्लास्टिक की थैलियों में मिर्च, टमाटर, बैंगन के पौधे लगा सकते हैं।
आर्गेनिक हरी सब्जी खाएं
कृषि वैज्ञानिक डॉ. केपी वर्मा का कहना है कि छतों पर हरी सब्जी उगाना जब आदत में आ जाएगी तो न केवल खुद बारहों महीने आर्गेनिक हरी सब्जी और फल खा सकते हैं, बल्कि पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी खिला सकते हैं। इन पौधों के लिए बाजार से खाद या पेस्टिसाइड न खरीदें, बल्कि खुद ही बनाएं। खरपतवार को एक जगह जमा करें और गाय के गोबर, मूत्र आदि को मिलाकर खाद बना लें।
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स्रोत - Nai Dunia