चांद पर उगा पहला कपास का पौधा मरा, वजह- रात में वहां का तापमान माइनस 170 डिग्री सेल्सियस तक गिरा

January 17 2019

चीन ने मगलवार को ही चांद पर कपास का पौधा उगाए जाने की घोषणा की थी, लेकिन इसके अगले ही दिन इस पौधे के मरने की खबर आ गई। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, चांद पर उगाया गया पहला कपास का पौधा रात में तापमान माइनस 170 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की वजह से मर गया। दरअसल, सूरज की रोशनी में तो ये पौधा अच्छी तरह बढ़ रहा था लेकिन रात होते ही तापमान गिरने की वजह से ये मर गया। चांद पर एक रात दो हफ्ते की होती है और वहां रात के समय तापमान गिर जाता है, जबकि दिन के समय यही तापमान 120 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है।

चीन ने 3 जनवरी को भेजे थे आलू, कपाल के बीज

दरअसल, चीन ने 3 जनवरी को रोवर चांग ई-4 के साथ कपास, आलू और सरसों के बीज के अलावा मक्खी के अंडे भी भेजे थे। लेकिन इनमें से सिर्फ कपास का ही पौधा था जो चांद पर पनप रहा था, बाकी पौधों में कोई ग्रोथ नहीं हुई थी। हालांकि, वैज्ञानिकों ने आलू और सरसों के बीज भी अंकुरित होने की उम्मीद जताई थी। इसी के साथ चीन पहला ऐसा देश बन गया था, जिसने चांद पर किसी पौधे को उगाया था।

रविवार से शुरू हो गई थी चांद पर रात

चीन के इस प्रोजेक्ट को लीड करने वाले वैज्ञानिक शाई गेंगशिन ने कहा कि, हमें पहले से ही इस पौधे के जल्दी मरने की आशंका थी क्योंकि रात के समय वहां किसी भी पौधे के लिए बच पाना नामुमकिन है। गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया कि, लैंडिंग के बाद रविवार को चांद पर पहली रात थी और रविवार से ही चांग ई-4 रोवर स्लीप मोड में चला गया था। शाई का कहना है कि धीरे-धीरे पौधे और बीजे चांद पर डिकम्पोज हो जाएंगे और इससे चांद के वातावरण पर कोई गलत असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, "चांद पर पौधे उगाने का प्रयोग हमने पहली बार किया था और हमें इसका कोई अनुभव भी नहीं था कि चांद पर किस तरह का वातावरण होता है।"

एक डिब्बे में भरकर चांद पर भेजे गए थे बीज

चीन के वैज्ञानिकों ने बताया था कि, रोवर चांग ई-4 में एक पानी और मिट्टी से भरे डिब्बे को भेजा गया था, जो 18 सेंटीमीटर का था। इस डिब्बे के अंदर कपास, आलू और सरसों के बीज के साथ-साथ फ्रूट फ्लाय के अंडे और यीस्ट भेजे गए थे। इसके साथ ही इसमें दो छोटे कैमरे और एक हीट कंट्रोल सिस्टम भी था, ताकि बीज के अंकुरित होने की फोटो मिलती रहे

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स्रोत - Dainik Bhaskar