क्या गन्ना एफआरपी में वृद्धि वाकई किसानों के लिए लाभकारी ?

July 23 2018

केंद्र सरकार ने गन्ना के एफआरपी मूल्य में 10 प्रतिशत की रिकवरी दर के साथ 20 रुपए प्रति क्विंटल वृद्धि की है। यह आगामी सत्र 2018-2019 के लिए है। लेकिन क्या है वाकई गन्ना किसानों के लिए लाभकारी है या नहीं है? इसको लेकर अभी चर्चा छिड़ी है। क्योंकि गन्ना मूल्य का निर्धारण एफआरपी और राज्य विवेचित मूल्य पर किया जाता है। देश के बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ना का मूल्य एसएपी ( राज्य विवेचित मूल्य ) के आधार पर किया जाता है।

इस प्रकार गन्ना मूल्य में वृद्धि रिकवरी दर 10 प्रतिशत के हिसाब से लागू की गई जबकि अधिकांश चीनी मिलों का रिकवरी दर पहले से ही 10 प्रतिशत या उससे अधिक है। सरकारी सूत्रों के अनुसार पिछले सत्र में चीनी की रिकवरी दर बढ़ी है। तो वहीं कुछ किसान संगठनों का मानना है कि पिछले सत्र के मुकाबले एफआरपी में बढ़ोत्तरी महज 3 प्रतिशत ही हुई है। जबकि 9.5 प्रतिशत से कम रिकवरी दर वाले गन्ना के लिए एफआरपी में 6.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है यानिक प्रति क्विंटल 261.25 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य तय किया गया है जो कि उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि एफआरपी की बढ़ोत्तरी उच्च रिकवरी दर के आधार पर की गई है। कुल मिलाकर यह माना जा रहा है कि यह बढ़ोत्तरी ज्यादा मायने में किसानों को लाभ नहीं दे पाएगा।

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Source: Krishi Jagran