कृषि के क्षेत्र में बढ़ी रवि फसल की पैदावार, पेश की रिपोर्ट

January 21 2019

फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ऑफ इनाइटेड नेशन की ओर से शुक्रवार को होटल कोर्टियार्ट मैरियॉट में वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें लक्ष्य क्षेत्रों में दलहन उत्पादन को बढ़ाना और किसानों की आय में सुधार करने के लिए अध्ययन विषय पर चर्चा की गई। छत्तीसगढ़ और ओडिशा में छोटे और सीमांत किसानों और मूल्य श्रृंखला एकीकरण आदि पर कई रिपोर्ट प्रस्तुत की गईं। प्रमुख था मुख्य था- लक्ष्य क्षेत्रों में दलहन उत्पादन को बढ़ाना और किसानों की आय में सुधार करना। किसानों द्वारा रबी और खरीफ फसल के बीच के समय में कैसे दलहन की पैदावार बढ़ाई जाए और इसमें क्या समस्याएं आ सकती हैं, इसके लिए कई राज्यों में किसानों से बात कर रिपोर्ट तैयार की गई। इससे मुख्य रूप से दो समस्याएं सामने आईं, जिसमें एक तो आवारा जानवरों से खेती को बचाना और दूसरा पैदावार को बाजार में बेचने की समस्या सामने आई। इसके समाधान में आवारा जानवरों को चरवाहे को देना और किसानों को फसल का अच्छे दाम देना था। भारत में दलहन बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं और खाए जाते हैं, विशेषकर प्रोटीन के स्रोत के रूप में। दालों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 2016-17 में रबी सीजन के दौरान फसल के पैटर्न में बदलाव लाने के लिए टारगेटिंग राइस फालो एरियाज सब-स्कीम की शुरुआत की। उपलब्ध मिट्टी की नमी का उपयोग करके दलहन और तिलहन की किस्मों की खेती की जा सकती है। पैदावर बढ़ाया जा सकता है। भारत में एफएपी के प्रतिनिधि टॉमियो शिचिरी ने छोटे और सीमांत किसानों और उनके परिवारों की पोषण और आय की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थायी समाधान खोजने पर भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की।

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स्रोत - Nai Dunia