किसान संगठनों ने गन्ने की एफआरपी संबंधी फैसले को दी कोर्ट में चुनौती

November 29 2018

 केंद्र द्वारा गन्ना वसूली आधार में किए गए बदलाव का मामला कोर्ट में पहुँच गया है. सांसद राजू शेट्टी ने फसल वर्ष 2018-19 के लिए हुए इस बदलाव के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की है. इस याचिका पर 30 नवंबर को सुनवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने गन्ना के स्पष्ट और लाभप्रद मूल्य में बीस रूपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की थी. साथ ही साथ सरकार ने गन्ने के रिकवरी बेस को 9.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया था. महाराष्ट्र समेत देश के कई अन्य राज्यों के गन्ना किसान और किसान संगठन इस बदलाव से नाखुश हैं और सरकार से इस वृद्धि को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में महाराष्ट्र के कई हिस्सों में किसानों ने विरोध प्रदर्शन भी किए हैं.

सरकार द्वारा किये गए बदलाव से पहले गन्ने की कीमतें 9.5 फीसदी के रिकवरी बेस के साथ 255 रूपये प्रति क्विंटल थी. जिसे 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 275 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया गया था. 10 फीसदी से अधिक होने वाली प्रत्येक 0.1 फीसदी की वसूली पर 2.75 रूपये प्रति क्विंटल की दर तय कर दी गई हैं. जबकि पूर्व में यह दर 2.68 रूपये प्रति क्विंटल के स्तर पर थी.

किसान समूह स्वाभिमानी शेतकारी संगठन का दावा है कि वसूली के आधार में हुई वृद्धि की वजह से महाराष्ट्र में एफआरपी में वास्तविक वृद्धि आधे से भी कम है. जिसके चलते राज्य के गन्ना किसानों को 1300 करोड़ रूपये का भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ेगा. संगठन का कहना है कि एफआरपी गणना के लिए अपनाए गए वसूली आधार में इस अव्यवहारिक वृद्धि के संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को भी पत्र लिखा था. पत्र में सरकार और विभाग से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई थी. कई हफ्तों तक किसी भी पत्र का उत्तर नहीं मिला. नतीजतन, किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सगंठन की तरफ से इस मामले को न्यायालय में ले जाया गया है. कोर्ट ने इसकी सुनवाई के लिए 30 नवंबर की तारीख तय की है.

 

Source: Krishi Jagran