करतारपुर कॉरिडोर के लिए 150 किसानों की 400 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण

January 24 2019

जेएनएन, डेरा बाबा नानक/बटाला (गुरदासपुर)। पाकिस्तान स्थित श्री करतापुर साहिब गुरुद्वारा तक बनने वाले कॉरिडोर के लिए करीब 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा। यह जमीन चार गांवों के 150 किसानों की है। बुधवार को लैंड पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने डेरा बाबा नानक पहुंचकर स्थानीय अधिकारियों से बैठक की। टीम ने सरहद का जायजा लेने के बाद रिपोर्ट तैयार की।

डेरा बाबा नानक पहुंची केंद्रीय टीम, बॉर्डर का जायजा लेकर तैयार की रिपोर्ट

चेयरमैन अनिल बांबा ने बताया कि पीडब्ल्यूडी व नगर कौंसिल को अधिग्रहण की रूपरेखा तैयार करने के लिए कहा गया है। अथॉरिटी ने करतारपुर कॉरिडोर का मैप भी जारी किया। इसमें बीएसएफ का क्षेत्र, गांव, गुरुद्वारा, भारत का क्षेत्र  और श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की तस्वीर है। फोरलेन कॉरिडोर के साथ इमीग्रेशन सेंटर, शॉपिंग कांप्लेक्स, अस्पताल व होटल बनाया जाएगा।

लैंड पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने अधिकारियों से की बैठक

कॉरिडोर श्री गुरु नानक देव जी के ५५०वें प्रकाशोत्सव से पहले तैयार होने का अनुमान है। पंजाब सरकार ने किसानों की जमीन के खसरा नंबर की जांच शुरू कर दी है। पाकिस्तान ने कॉरिडोर का काम तेजी से शुरू कर दिया है। दूरबीन के जरिये वहां निर्माण कार्य देखा जा सकता है। पाक ने पुल का निर्माण भी शुरू कर दिया है।

किसानों ने मांगा एक करोड़ रुपे प्रति एकड़ मुआवजा, टीम को आधा घंटा रोका

डेरा बाबा नानक में किसानों ने करीब आधा घंटा टीम को रोके रखा। किसान जमीन के लिए एक करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मांग रहे हैं। अनिल बांबा ने किसानों को भरोसा दिया कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी।

चार गुना मुआवजा और नौकरी के बिना गुजारा नहीं सरकार

उधर, गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए बनने वाले कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना होने के बाद किसानों ने अधकि मुआवजे की मांग उठानी शुरू कर दी है। डेरा बाबा नानक क्षेत्र के गांव जोडिय़ां कलां, पक्खोके टाहली साहिब और चंदू वडाला के किसानों में मुआवजे की सरकारी कीमत को लेकर रोष है। किसानों का कहना है कि बंटवारे और युद्ध में सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों ने बहुत संताप झेला है। अब उनकी जमीन का अधिग्रहण हो जाएगा तो रोजी रोटी का साधन भी चला जाएगा।

किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें जमीन का मार्केट रेट से चार गुना मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे। सरकार उनकी इन मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। अगर सरकार उन्हें कम मुआवजा देती है तो वे परिवारों का पालन पोषण करने में असमर्थ हो जाएंगे। डेरा बाबा नानक के किसान जैमल ङ्क्षसह ने बताया कि उसके पास पांच एकड़ जमीन है जिस पर खेती कर वह परिवार का गुजारा कर रहा है। कॉरिडोर में उसकी पूरी जमीन आ रही है लेकिन सरकार मुआवजा नाममात्र दे रही है।

किसान जगराज पक्खोके का कहना है कि उनकी सात एकड़ जमीन सड़क में आ रही है। जगजीत ङ्क्षसह की साढ़े पांच एकड़, जैमल ङ्क्षसह की साढ़े तीन एकड़, कुलवंत सिंह पक्खोके की दो एकड़, सुखदेव सिंह और बलवंत सिंह की एक-एक एकड़ जमीन रास्ते में आ रही है। गांव जोडिय़ा खुर्द के किसान रंजीत का कहना है कि उसके पास पांच कनाल जमीन है। अभी भी वह मजदूरी करता है। उसकी पांच कनाल जमीन भी चली गई तो उसके पास कुछ नहीं बचेगा।

किसानों को दिया जाएगा बनता मुआवजा: डीसी

डीसी गुरदासपुर विपुल उज्जवल का कहना है कि किसानों को जमीन अधिग्रहण का बनता मुआवजा दिया जाएगा। किसानों से धक्केशाही नहीं होगी। तहसीलदार अरविंद सलवान का कहना है कि जिन किसानों की जमीन कॉरिडोर में आ रही है उनके साथ बैठक की जाएगी। उनकी सहमति से ही जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा और मुआवजा दिया जाएगा।

अगली बैठक किसानों के साथ

केंद्रीय टीम और स्थानीय अधिकारियों ने धरना दे रहे किसानों से बातचीत की। अथॉरिटी के चेयरमैन अनिल बांबा ने किसानों को भरोसा दिया कि अगली बैठक में उनकी एक-एक मांग को सुना जाएगा। इससे पहले हुई बैठक में अथॉरिटी के मैनेजर सुखदेव ङ्क्षसह, बीएसएफ के आइजी महिपाल यादव, डीसी विपुल उज्जवल, बटाला के एसएसपी उपेंद्रजीत घुम्मन भी मौजूद थे।

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स्रोत: Jagran