अब धान की फसल निकालते समय कंबाइन में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य

August 30 2018

किसान परम्परा गत तरीके से हमेशा से खेतों में धान और रबी की फसलों की रोपाई-बिजाई करते आ रहे हैं. अधिकतर किसान फसल पकने के बाद उसकी कटाई कंबाइन से कराते हैं. अब तक फसल काटने वाली कंबाइन खेतों में बड़े बड़े टुकड़ों में अवशेष छोड़ देती थी. इसके बाद किसान उनका सदुपयोग करने की बजाए उसमे आग लगा देते हैं. इससे न केवल वातावरण प्रदूषित होता था, बल्कि भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती रही है. बार-बार अभियान चलाने के बावजूद किसान अवशेष जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अब सरकार ने अवशेष न जलाने के प्रति कठोर कदम उठाते हुए यह फैसला लिया है की किसी भी कंबाइन से धान की फसल की कटाई कराने किसानो की मनमानी नहीं चलेगी.

किसान अब बिना स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एस एम् एस ) लगी कंबाइन से धान की फसल की कटाई नहीं कर सकेंगे. हरियाणा की राज्य सरकार ने प्रदेश में धान काटने वाली कंबाइन पर एस एम् एस लगवाना अनिवार्य कर दिया है. इससे किसानो को जहाँ काफी लाभ होगा, वहीँ पराली जलाने से होने वाले नुक्सान से भी बचा जा सकेगा. पराली के धुआं दिल्ली और एन सी आर में अँधेरा छा जाता है और लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है.

स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम कंबाइन मशीन के पिछली हिस्से में लगेगा. कंबाइन में लगाने के बाद यह सिस्टम धान की कटाई के दौरान पराली के छोटे छोटे टुकड़े कर जमीन पर भिखरेगा. इससे किसानो दवारा आसानी से धान के अवशेषों को जमीन में मिलाया जा सकेगा.

इसके आलावा जीरो ड्रिल मशीन व हैप्पी सीडर से गेहूं की सीधी बुवाई भी कर सकेंगे. इससे अवषेश को जमीन में मिलाने से भूमि की उपजाऊ शक्ति काफी बढ़ेगी तथा किसानो का रसायनो का खर्च भी कम होगा.

किसानो को स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम का अधिकतम मूल्य एक लाख १२ हज़ार रुपए है. इस सिस्टम को लगवाने के लिए किसान को ५० फ़ीसदी अनुदान भी कंबाइन संचालक को विभाग की और से दिया जायेगा.

हरियाणा सरकार का पर्यावरण सरक्षण को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग गंभीर है. इसी के मद्देनजर धान की फसल निकालते समय कंबाइन में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया है. बिना एस एम् एस के कंबाइन दवारा धान की फसल की कटाई अवैध मानी जाएगी. यह कहना है डॉ अनिल सेहरावत का, जो कृषि उपनिदेशक सोनीपत हैं.

Source: Krishi Jagran