अगर आपके पास Size में छोटे खेत हैं और लागत के लिए पैसे कम हैं तो करिए इसकी खेती

June 02 2018

अगर आपके पास छोटा या कम है और खेती में लगाने के लिए पैसे भी कम हैं। साथ में आप लागत पर कई गुना ज्यादा मुनाफा चाहते हैं तो गन्ने की खेती बेहतरीन है। लागत पर 3 से 5 गुना तक मुनाफा देती है गन्ने की खेती।

कम लागत पर छप्पर फाड़ कमाई

मध्यप्रदेश के जबलपुर में दस सालों से गन्ने की खेती कर रहे विमलेश कौरव ने बताया कि गन्ने की खेती में खाद, बीज दवाईयां सब मिलाकर प्रति एकड़ पहले साल में 40 हजार रुपये की लागत आती है। वहीं दूसरे साल में लागत कम हो जाती। दूसरे साल से गन्ने की खेती में प्रति एकड़ 30 हजार रुपये की लागत आती है। प्रति एकड़ की खेती में 400 से 500 क्विंटल गन्ने की पैदावर हो जाती है। मंडियों में 300 से 350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की बिक्री हो जाती है। इस हिसाब से हम एक एकड़ में 40 हजार की लागत से 1.5 लाख से 2 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं।

भारत में गन्ने की खेती

भारत में गन्ना (Sugarcane) प्रमुख नगदी फसलों में से एक है। विश्वभर में भारत गन्ने की उत्पादकता में दूसरे स्थान पर है।  भारत में गन्ने से तरह तरह के सामान बनाए जाते हैं, जिसमें चीनी, गुड़, शराब प्रमुख रूप से शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में गन्ने का उत्पादन सबसे अधिक होता है। इसके अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश,गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा, बिहार में गन्ने की खेती प्रमुख रूप से की जाती है।

बीजों का चयन 

सालभर मे गन्ने की खेती के लिए बीजों का चयन दो तरह से होता है –

  • जल्दी पकने वाला गन्ना
  • देरी से पकने वाला गन्ना

खेत कैसे तैयार करें

  1. गन्ने की खेती के लिए गहरी दोमट मिट्टी अच्छी होती है।
  2. गन्ना उगाने के लिए खेत में जुताई 40 सेमी से 60 सेंटी मीटर तक चाहिए, क्योंकि गन्ने की  75% जड़ इसी गहराई पर पायी जाती हैं।
  3. खेती की शुरुआत करने पर आपको सबसे पहले खेत की जुताई कर जमीं को भुरभुरा बना लें
  4. फिर उस पर पाटा चला कर उसे एक सरीखा समतल कर लें।
  5. खेत में जुटे से पहले 10-15 टन गे के सड़े गोबर की खाद को जमीन में खेत में फैला दें।
  6. यह खाद जमीन को गन्ने के लिए काफी उर्वरक बना देगी।
  7. खरपतवार गन्ना ही नहीं किसी भी फसल के लिए काफी नुकसान दायक होती है अतः उसे सही समय परहटा दें।

गन्ने की बुवाई का समय और उपयुक्त जलवायु

  1. गन्ने की फसल को अच्छे से बढ़ने के लिए अधिक समय के लिए गर्म और नमी युक्त मौसम का होना आवश्यक है, साथ ही गन्ने के लिए अधिक बारिश का होना भी आवश्यक है।
  2. गन्ने की फसल की बुआई के लिए तापमान 25 डिग्री से 30 डिग्री सेंटीग्रेट होना बेहतर रहता है।
  3. गन्ने की फसल की बुवाई के लिए अक्टूबर से नवंबर का महीना उपयुक्त रहता है, लेकिन फरवरी से मार्च के महीने में भी गन्ने की खेती की जा सकती है।
  4. गन्ने की फसल से अधिक वजन पाने के लिए 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान अच्छा होता है।

गन्ने की खेती में खाद का इस्तेमाल

गन्ने की खेती में प्रति एकड़ 120 KG नाइट्रोजन (Nitrogen), 32 KG  फॉस्फोरस (Phosphorus) और 24 KG. पोटाश की आवश्यकता होती है, जिसमें नाइट्रोजन को तीन भागों में बराबर बांट कर देना चाहिए।

  1. 40 KG नाइट्रोजन को गन्ने की बुआई के 30 दिन बाद देना चाहिए।
  2. इसके बाद बुआई के 90 दिन बाद 40KG ऩाइट्रोजन डालें।
  3. फिर 120 दिन बाद बचे हुए नाइट्रोजन को डालें।
  4. फॉस्फोरस (Phosphorus) और  पोटाश (potash) को बुआई के समय ही खेत में डालना चाहिए।

गन्ने के फसल की सिंचाई और गुड़ाई- 

  1. गन्ने की फसल में गर्मियों में 10-10 दिनों के अंदर सिंचाई करनी चाहिए
  2. सर्दियों में 20-20 दिनों में सिंचाई की आवश्यकता होती है।
  3. फाउंटेन विधि गन्ने के फसल की सिंचाई के लिए अच्छा माना जाता है, इससे फसल की पैदावर अच्छी होती है।
  4. फसल बुआई के 10 से 15 दिनों के अंदर खेतो की गुड़ाई करनी चाहिए, इससे गन्ना आसानी से अंकुरित होता है।
  5. गन्ने की फसल की कुछ लंबाई बढ़ने के बाद उसे गिरने से बचाने के लिए चारों तरफ दो-दो बार मिट्टी  डालनी चाहिए।

गन्ने की फसल को बीमारी और कीटों से बचाना

गन्ने के बीजों को नमी युक्त गर्म हवा से उपचारित करने पर वह संक्रमित नही होते। फसल को बीमारियों से बचाने के लिए 600 ग्राम डायथेम एम. 45 को 250 लीटर पानी के घोल में 5 से 10 मिनट तक डुबा कर रखना चाहिए। गन्ने का रस चुसने वाले कीड़ो का असर कम करने के लिए इस घोल में 500 मिली (ml) मिलेथियान मिलाकर छिड़काव करना चाहिए

बीज

एक एकड़ की खेती के लिए जल्दी पकने वाले गन्ने के लिए प्रति एकड़ 28 से 30 क्विंटल की आवश्यकता होती है। वहीं, देरी से पकने वाले गन्ने के लिए प्रति एकड़ 24 से 25 क्विंटल की आवश्यकता होती है।

 

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Source: Kisan Khabar