Weakening of the wheat production in the crop, The farmers asked for insurance

March 07 2019

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जिले में गेहूं कटाई का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में किसान चाहते हैं कि जो उत्पादन में कमजोरी आ रही है उस मामले में सरकार द्वारा किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलवाया जाए। दरअसल दिसंबर में जिले में अनेक स्थानों पर शीतलहर और पाले के कारण फसलों पर विपरीत असर पड़ा था, अब जबकि कटाई शुरू हुई है तो उसमें फसल प्रयोग में भी यह बात सामने आ रही है कि उत्पादन कमजोर है। कलसाड़ा, पिपलिया, कनावल, कनावदा, पिंजराया, तीसगांव सहित अनेक गांवों में इस तरह की स्थिति बनी है। किसानों ने अभी से मांग शुरू कर दी है कि इस मामले में बीमा लाभ दिलवाया जाए। इसके लिए बकायदा अब किसान जागरूक हो गए हैं और वे बीमा कंपनी को भी सारे दस्तावेज पहुंचा रहे हैं।

कलसाड़ा के किसान मुकेश मुकाती ने बताया कि क्षेत्र में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। हमने इस बात की चेतावनी पहले ही दे दी थी हालांकि कलेक्टर ने जब भ्रमण किया था तब भी हमने चने और गेहूं में नुकसानी की जानकारी दे दी थी। इसके बाद मैदानी स्तर के अमले ने यहां सर्वे भी किया था। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के करीब आसपास के 20 गांवों में इस तरह का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि कटाई का दौर शुरू हो चुका है। बुधवार को ग्राम कलसाड़ा में फसल कटाई प्रयोग किया गया। इसके लिए पटवारी लूणाराम सोलंकी और उनकी टीम हुंची थी। उन्होंने यहां पर उत्पादन की स्थिति देखी।

इस तरह से होता है फसल प्रयोग

उल्लेखनीय है कि 5 वर्गमीटर में लगाई गई फसल को नमूने के तौर पर लिया जाता है। इसमें बोई गई फसल की गहाई करने के बाद में उसका तौल किया जाता है। कलसाड़ा में जो फसल प्रयोग किया गया उसके तहत 2.975 किलोग्राम ही मिला है। इस तरह से औसत रूप से तीन किलो का वजन मिला है। जबकि यह उत्पादन कम से कम 8 से 10 किलो का प्राप्त होना चाहिए था। इस तरह से करीब 50 से 75 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।

150 किसानों ने ऑनालाइन किए दस्तावेज

इधर क्षेत्र के 150 किसानों ने एक बड़ी पहल की है। इसके तहत सभी किसानों ने बीमा कंपनी को विशेष रूप से मेल करके अपने दस्तावेज सौंपे हैं, साथ ही मांग की है कि बीमा धन दिलवाया जाए। उल्लेखनीय है कि पहले राजस्व अधिनियम के तहत 64 की आर्थिक सहायता मिलती थी जो अब बंद हो गई। किसान इस तरह की सहायता चाहते भी नहीं है। किसानों का कहना है कि फसल बीमा का प्रीमियम जमा किया है, इसलिए बीमा धन दिलवाया जाए।

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स्रोत: Nai Dunia