New experiments in farming,sprinkling insecticides from the drone

February 25 2019

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बीते वर्ष एक किसान जीवनलाल की मक्के की फसल कीट बीमारी से खराब हो गई थी। मक्के के लंबे ऊंचे पौधों में कीटनाशक का स्प्रे नहीं हो पा रहा था, जिससे मक्के अर्थात भुट्टे के फल खराब हो रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खेतीबाड़ी में किसी भी तरह की कीटव्याधी से निपटने के लिए अब ड्रोन सहायक हो सकता है, जिसके जरिए ऊंची से ऊंची पौध वाली फसल में भी कीटनाशक का छिड़काव आसानी से हो सकता है।

ऐसा प्रयोग बीते दिवस गोटेगांव के नजदीक बायपास बगलई चौराहे पर किया गया। प्रगतिशील किसान व नगर के प्रतिष्ठित नागरिक मुलायम सिंह पटैल अर्थात दमोह सांसद प्रहलाद सिंह पटैल व नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल के पिताश्री के खेत में कीटनाशक का छिड़काव ड्रोन से किया गया। एक दिन में 50-60 एकड़ में छिड़काव पाटन क्षेत्र के एक युवक अभिनव लोधी जो इंदौर में इंजीनियरिंग करके लौटे हैं, यहां उन्होंने खेतीबाड़ी में इस नए प्रयोग की शुरूआत की।

इंजीनियर अभिनव के अनुसार ड्रोन में करीब 25 लीटर की टंकी है, जिसमें दृव्य कीटनाशक भर सकते हैं, बेहतर नोजल लगे हैं, जिससे छिड़काव किया जा सकता है। इसके लिए गूगल में जाकर खेत का नक्शा तैयार करना रहता है, रिमोर्ट के जरिए इस नक्शे के आधार पर उस खेत में यह छिड़काव हो सकता है। रिमोर्ट करीब 1 किमी के दायरे में ड्रोन को कवर करता है

सर्पदंश से मौतें होंगी कम

नया प्रयोग है, खेत में सांप-बिच्छू से इससे बचाव होगा, जिले में सर्पदंश से मौतें कम होंगी। यह बात मौके पर मौजूद विधायक जालम सिंह पटेल ने कही।

सस्ता है नया प्रयोग

कृषि प्रधान जिले में यह नया प्रयोग है। खर्च भी ज्यादा नहीं, 200 रुपए प्रति एकड़ का चार्ज है। यह गन्ने, मक्के और अन्य ऊंची फसलों के साथ-साथ सुलभसस्ता प्रयोग है, जिससे कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है।

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स्रोत: Nai Dunia