भोपाल। प्रदेश में अच्छे मानसून के चलते इस बार खरीफ फसलों की बोवनी का रिकॉर्ड टूट सकता है। सरकार ने 131 लाख हेक्टेयर रकबे में बोवनी का लक्ष्य रखा है। इसके विरुद्ध अब तक 112 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी हो चुकी है। सोयाबीन और धान की बोवनी ने पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।
मूंगफली 2 लाख 60 हजार हेक्टेयर में बोई जानी है। किसानों ने दो लाख हेक्टेयर में बोवनी कर दी है और यह सिलसिला लगातार चल रहा है। इसी तरह मूंग, उड़द और अरहर की फसल भी लक्ष्य के आसपास पहुंच गई है। अभी तक की बोवनी पिछले साल के आंकड़े को पार कर चुकी है। धान के लिए साढ़े 22 लाख हेक्टेयर रकबे का लक्ष्य रखा है।
इसके विरुद्ध 15 लाख हेक्टेयर में बोवनी हो गई है, जो पिछले साल से पांच लाख हेक्टेयर ज्यादा है। मक्का भी सवा 13 लाख हेक्टेयर में लगाया जा चुका है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि धान की बोवनी अगस्त के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, इसलिए ये लक्ष्य को पार कर जाएगी। वहीं, केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में जिस तरह इजाफा किया है, उससे मूंग का रकबा लक्ष्य से ज्यादा हो सकता है।
पिछले साल से 18 लाख हेक्टेयर में ज्यादा बोवनी
प्रदेश में शुक्रवार तक पिछले साल की तुलना में 18 लाख हेक्टेयर रकबे में अधिक बोवनी हो चुकी है। पिछले साल 93 लाख 86 हजार हेक्टेयर में बोवनी हुई थी। जबकि, अभी 112 लाख हेक्टेयर में बोवनी हो गई है और ये क्रम जारी है। प्रमुख सचिव कृषि डॉ.राजेश राजौरा का कहना है कि मानूसन की स्थिति को देखते हुए इस बार खरीफ फसलों की बोवनी अपने पिछले सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगी।
प्रोत्साहन राशि या भावांतर देगी सरकार
सरकार ने खरीफ फसलों के लिए किसानों का पंजीयन कराना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसान महा-सम्मेलन में धान पर गेहूं की तरह 265 रुपए प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा कर चुके हैं। बाकी फसलों में भी प्रोत्साहन राशि या भावांतर दिया जा सकता है।
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Source: Nai Dunia