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किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए अब एक ही खेत में खेती, बागवानी, दूध, मशरूम उत्पादन के अलावा मछली, मुर्गी और मधुमक्खी पालन के तरीके सीखने को मिलेंगे। यही नहीं, बायो गैस, पॉली हाउस, ड्रिप इरिगेशन, वर्मी कम्पोस्ट जैसे साधन खुद लगाने के बारे में सिखाया जाएगा। एकीकृत और बहुमुखी खेती का यह मॉडल इंदौर में तैयार होगा जिसे लाइवलीहुड (आजीविका) पार्क नाम दिया गया है।
इस पार्क में योजनाओं के डिमॉन्स्ट्रेशन होंगे, जिससे किसान कृषि के अलावा गैर कृषि गतिविधि सीख सकेंगे। जिला प्रशासन ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसमें कृषि, उद्यानिकी, पशु पालन, मछली पालन, जल संसाधन आदि विभागों को जोड़ा गया है। इन सभी विभागों के अफसर अपने विभाग की योजनाओं का मॉडल लाइवलीहुड पार्क में तैयार करेंगे। पार्क के लिए कस्तूरबा ग्राम के कृषि विज्ञान केंद्र या शासकीय कृषि महाविद्यालय में से किसी जगह का चयन होगा।
कलेक्टर लोकेशकुमार जाटव के मुताबिक, हमारे प्रदेश में लघु और सीमांत किसानों की तादाद ज्यादा है। सीमित जमीन में भी वे खेती के अलावा गैर कृषि गतिविधि कर अपनी आय कैसे बढ़ा सकता है, इस पार्क का यही उद्देश्य होगा। इस पार्क के अलावा हम ऐसे क्लस्टर भी विकसित करेंगे। ऐसे उन्नतशील किसानों का चयन कर उनके खेत को इस मॉडल पर विकसित करेंगे।
कृषि उप संचालक वीके चौरसिया के मुताबिक यदि किसान फल, फूल, सब्जी आदि की खेती करना चाहेंगे तो उन्हें सर्टिफाइड पौधे, बीज आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। पाइपलाइन, स्प्रिंकलर सिस्टम, बायोगैस के लिए सब्सिडी की योजनाओं से मदद दिलाई जाएगी।
लैब की तरह होगा खेत
पार्क एक लैब की तरह होगा। इसमें हर तरह की खेती व उससे जुड़े मॉडल मौजूद होंगे। एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर, फिशरीज, डेयरी, वर्मी कम्पोस्ट, बायोगैस, पॉली हाउस, नाडेप टांका से कम्पोस्ट निर्माण, स्प्रिंकलर ड्रिप इरिगेशन आदि शामिल होंगे। एकीकृत खेती के मॉडल उनके खेत में लगाने के लिए शासकीय योजनाओं से तकनीकी व आर्थिक मदद भी दिलाई जाएगी। दूध उत्पादन बढ़ाने अजोला, बरसीम जैसे पौष्टिक चारे को उगाने की तकनीक भी शामिल रहेगी।
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स्रोत: Nai Dunia