Citrus crops got some relief after weather change

February 05 2019

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क्षेत्र के संतरा उत्पादक किसानों के समक्ष लगातार मौसम बाधा बन रहा है। इसके चलते जिले को पहचान दिलाने वाली संतरा फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऊपर से बीमारियां भी घेर रही है। इससे कि सान मायूसी से घिर रहे हैं लेकिन अब किसानों में उम्मीद की नई किरण जगाने संतरा विशेषज्ञ आ रहे हैं। संतरा फसल की सुरक्षा व बेहतर उत्पादन के गुर सिखाने के लिए देश के सबसे बड़े संतरा अनुसंधान केंद्र नागपुर व प्रदेश के छिंदवाड़ा से यहां वैज्ञानिक आ रहे हैं।

विशेषज्ञ किसानों को फसल संबंधित समस्याओं के हल को लेकर सीधे चर्चा कर मार्गदर्शन देंगे। संतरा उत्पादक कि सानों ने शाजापुर का नाम देश व प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में शाजापुर को पहचान दिलाई है। आलम यह है कि शाजापुर व आगर जिले में करीब 40 हजार हेक्टेयर में संतरा पैदा होता है। देश की बड़ी मंडियों में हाथों-हाथ यह संतरा बिक जाता है। संतरे जैसी उद्यानिकी फसल करने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति भी काफी बेहतर हुई है।

सीजन के समय बागीचे लाखों रुपए में बिक जाते हैं लेकिन पिछले कुछ साल से संतरा फसल अधिकांश किसानों को मुनाफा नहीं दे पा रही है। दरअसल, जिले में लगातार दो-तीन साल से सीजन के समय पर्याप्त तान नहीं मिल पाने व बारिश कम होने की वजह से अफलन की स्थिति से दो-चार हो रही है, क्योंकि संतरा फसल को गर्मी के दिनों में तान यानी गर्मी की आवश्यकता होती है। इस दौरान बारिश हो जाए तो तान डिस्टर्ब हो जाती है। मई-जून में शुरुआत में बादल छाने व बारिश होने से यह स्थिति बनी है।

प्री-मानसून सक्रिय होने से पौधों को पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। इसके बाद जब वर्षाकाल में खूब बारिश की जरुरत थी, तब अल्प बारिश ही हुई। इस बार औसत से करीब 30 फीसदी कम बरसात हुई। यह सब कारण अनेक बागीचों में अफलन का कारण बने। फूल समय पर नहीं खिल पाने या फिर खिर जाने के कारण फल नहीं बन पाए। वहीं कई बगीचों में काली मिस्सी रोग भी आ गया। इन सबके असर से जिले में इस बार संतरा फसल मुसीबतों से घिर गई। जिले के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कुछ उपाय भी बताए, लेकिन मौसम के आगे फसल बेबस हो गई।

इस तरह की लगातार कुछ साल से बन रही स्थिति से बचने के उपाय करना अब आवश्यक हो गए हैं। वहीं संतरे के प्रति घटते रुझान को फिर बढ़ाना भी है। इसे लेकर अब संतरा फसल के विशेषज्ञ जिले में बुलाए गए हैं।

लगातार बढ़ाना है रकबा

जिले में ही वैज्ञानिक आएंगे और किसानों से फसल व संबंधित समस्याओं से रुबरु होंगे। गिरवर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एसएस धाकड़ ने बताया कि नागपुर व छिंदवाडा संतरा अनुंसधान केंद्र से आने वाले विशेषज्ञ मंगलवार को आएंगे। इस दिन करीब 100 से ज्यादा संतरा उत्पादक किसानों को भी आमंत्रित किया गया है, जो फसल को लेकर अपने अनुभव, समस्याएं की जानकारी देंगे।

विशेषज्ञ उनकी जिज्ञासाओं व समस्याओं के निराकरण के उपाय भी बताएंगे। उन्होंने बताया जिले को संतरे ने काफी पहचान दिलाई है, भविष्य में भी संतरा का रकबा लगातार बढ़ाकर उत्पादन में इजाफा करना है। इसके लिए यह आयोजन हो रहा है।

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स्रोत: Nai Dunia