After the announcement of the center government, the Punjab government will put Rs. 250 in the farmers accounts

February 06 2019

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केंद्र सरकार के पांच एकड़ (दो हेक्‍टेयर) तक की जमीन वाले किसानों को 6000 रुपये सालाना देने के एेलान के बाद पंजाब सरकार भी जागी है। केंद्र सरकार के इस कदम के बाद राज्य सरकारों पर भी दबाव बढ़ गया है। केंद्र सरकार द्वारा दी गई राश्‍ाि को कांग्रेस ने तुच्छ बताया है। उसने कहा है कि इससे किसानों पर छाया हुआ संकट हल होने वाला नहीं है। ऐेसे में पंजाब सरकार द्वारा इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि सरकार अपनी ओर से 250 रुपये केंद्र की राशि में मिलाकर दे।

पंजाब सरकार के इस कदम के बारे में अभी अधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं कर रहा है, लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि 18 फरवरी को पेश होने वाले पंजाब सरकार के बजट में किसानों के बारे में कोई यह ऐलान किया जा सकता है। दरअसल, केंद्र के साथ साथ राज्यों में सरकारें चलाने वाली पार्टियों को भी चुनाव में उतरना है इसलिए इस तरह की घोषणाएं करना उनकी मजबूरी दिखाई पड़ रही है। वैसे पंजाब सरकार ने पांच एकड़ तक के किसानों को दो लाख रुपये तक के लोन को माफ करने का ऐलान किया हुआ है और इसके तीन चरण हो चुके हैं।

किसानों का डाटा इकट्ठा करना शुरू

उधर, केंद्र सरकार के एलान के बाद एग्रीकल्चर विभाग ने पांच एकड़ तक के किसानों का डाटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। लैंड रिकार्ड विभाग से पांच एकड़ तक के किसानों की सूचियां मांगी जा रही हैं। दरअसल, सरकार के पास खेती विभाग के पास कर्ज माफी वाले 10.25 लाख किसानों के खातों की सूची तो है जो आधार के साथ लिंक है। लेकिन, सरकार का यह भी मानना है कि  पांच एकड़ से ज्यादा वाले कई किसान ऐसे भी हो सकते हैं जिनके ऊपर कोई कर्ज न हो और या उन्हें कर्ज राहत न मिली है। ऐसे में उनका डाटा भी एकत्र करना होगा। काबिले गौर है कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि इस राहत पैकेज की पहली किश्त तो दिसंबर 2018 से देय है और इसके  लिए किसी को आधार लिंक वाला खाता देने की जरूरत नहीं है। यह अगली किश्तों से देना होगा।

कर्जमाफी के तीन चरण पूरे

पंजाब सरकार कर्जमाफी के तीन चरण पूरे कर चुकी है। इनमें पहला कोऑपरेटिव बैंकों से कर्ज लेने वाले सीमांत किसान हैं जिन्हें दो लाख रुपये तक की राहत दी गई थी। ऐसे किसानों की संख्या 3.24 लाख है। इनमें 17 हजार वे किसान भी शामिल हैं, जिनके नाम पटवारियों ने अपनी सूचियों से हटा दिए थे। ऐसे किसानों की गिनती 22 हजार से ज्यादा थी, लेकिन री-वेरिफिकेशन के बाद 17 हजार सही पाए गए और इन्हें 81 करोड़ रिलीज करके राहत प्रदान कर दी है।

सीमांत किसानों के बाद छोटे किसान, जिनके पास पांच एकड़ तक जमीन है, उनको राहत प्रदान की गई थी। ऐसे दो लाख 11 हजार 739 किसान किसानों की पहचान हुई है। पहले सहकारी बैंकों से लोन लेने वालों को राहत मिलेगी। चौथे चरण में कमर्शियल बैंकों से लोन लेने वालों को राहत दी जाएगी।

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स्रोत: Jagran