70 करोड़ के बोझ तले दबे इस राज्य के 2000 किसान

November 24 2018

देश के कई अन्य राज्यों की तरह ही झारखंड के किसानों की भी स्थिति इन दिनों बहुत ही दयनीय हो गई है. यहां के किसान करोड़ों के कर्ज में डूब चुके हैं. इसकी वजह से किसानों की स्थिति काफी गंभीर हो चली है. रांची से महज 25 किमी० दूर पिठोरिया के लगभग 2000 से अधिक किसानों को खेती में अभी तक तक़रीबन 70 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. जिसके चलते यहाँ किसान खेती-बाड़ी को लेकर काफी मायूस हो चुके हैं और सरकारी मदद की आस लगाये बैठे हैं.

उनकी हालत इतनी खराब है कि आधे से अधिक फसल बर्बाद हो चुकी है. मौजूदा हालात के लिए वे वहां के मौसम और सरकारी व्यवस्था को दोष  दे रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार के लाख दावों के बावजूद भी किसानों को फसल बीमा का लाभ अच्छी तरह से नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय किसानों के मुताबिक, पिछले साल जो फसल बीमा करवाये थे, उसका पैसा अभी तक नहीं मिला है. ऐसे में उन्होंने इस साल फसल बीमा नहीं कराया है.

कर्ज के बोझ तले दबता किसान  

गौरतलब है कि एक ओर जहां सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दावा कर रही है, तो वहीं देश के किसान कर्ज में डूबते जा रहे हैं. पिठोरिया में किसानों को खेती के लिए समय से पानी नहीं मिल पा रहा है. हालत यह है कि किसान बैंकों से लाखों रुपये के कर्ज पर बोरिंग कराकर फसलों की सिंचाई कर रहे है.

बता दें कि पिठोरिया से हर रोज 9 से 10 ट्रक सब्जी भुनेश्नवर, दुर्गापुर, आसनसोल और कोलकाता भेजी जाती थी लेकिन इस साल एक भी ट्रक सब्जी बाहर नहीं भेजी जा सकी है. झारखंड, साल दर साल सुखाड़ की ओर बढ़ रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां साल 2015 में 128 प्रखंडों में 55-60 फीसदी फसलों का नुकसान हुआ था. उस समय भी केंद्र से पैकेज की मांग की गयी थी. इस बार 18 जिलों के 129 प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है.

Source: Krishi Jagran