गोबर गैस संयंत्र की स्थापना पर अनुदान दे रही सरकार

October 03 2018

गोबर गैस संयंत्र ग्रामीण क्षेत्रों में सुलभ रूप में ईंधन/ऊर्जा प्राप्ति का एक प्रमुख साधन है. घर में उपलब्ध गोबर, बेकार एवं अनुपयुक्त घरेलू एवं कृषि अपशिष्ट पदार्थों यथा भूसा, पुआल, पौधों से प्राप्त पतियाँ, जलकुंभी एवं शैवाल आदि को एक विशिष्ट संयंत्र में डालकर प्राकृतिक प्रक्रियाओं के द्वारा गोबर गैस उत्पादित किया जाता है. सरकार इसकी स्थापना पर अनुदान दे रही है.

बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार राज्य में गोबर गैस का महत्व अत्यधिक है. इसके लिए जहाँ ऊर्जा हेतु गोबर का सर्वप्रथम उपयोग गोबर गैस के रुप में किया जाता है, वहीं संयंत्र से प्राप्त स्लरी का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन में भी किया जाता है, जो निष्चित तौर पर ऊर्जा के साथ-साथ उर्वरक प्राप्त करने में समन्वय स्थापित करता है. गैर परम्परागत ऊर्जा के स्रोतों में बायोगैस अपना एक महत्वपूर्ण  स्थान रखता है. इस विधि से उत्पादित गैस में मूलतः मिथेन, जो एक ज्वलनसशील गैस है, प्राप्त होती है और इसका उपयोग आसानी से गृह कार्यों यथा खाना बनाने, रोशनी की व्यवस्था करने तथा इसके अतिरिक्त कृषिपयोगी संयंत्रों के संचालन में किया जाता है. 

डॉ० कुमार ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा 02 घनमीटर गोबर गैस संयंत्र की स्थापना करने पर अनुदान दिया जा रहा है. दो घनमीटर के गोबर गैस संयंत्र से माह में करीब 1.5 से 2 एल०पी०जी० सिलेन्डर के बराबर गैस प्राप्त होता है. इस योजना के अंतर्गत ईच्छुक किसान प्री-फैब्रिकेटेड, दीनबन्धु/के0वी0आई0सी0 मॉडल के 02 एवं 03 घनमीटर संयंत्र की स्थापना पर लागत मूल्य का 50 प्रतिशत क्रमशः अधिकतम 21,000 रू0 एवं 25,000 रू0 अनुदान देय होगा. गोबर गैस संयंत्र स्थापना में किसानों को सहयोग देने हेतु गैर सरकारी संस्था/प्रतिष्ठानों को कृषि विभाग द्वारा सूचीबद्ध किया गया है, जिसकी सूची सभी जिलों को उपलब्ध करा दिया गया है|

Source: Krishi Jagran