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राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा है कि पशुधन और मत्स्य-पालन का प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है । वर्तमान में प्रदेश में गौ-संरक्षण के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। पशुधन और गौ-शालाओं के विकास में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये विशेष रूप से कार्य किया जाना चाहिए। श्रीमती पटेल जबलपुर में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं । समारोह में 504 छात्र-छात्राओं को उपाधि से विभूषित किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय, पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य, उन्नत नस्ल के विकास, संरक्षण, संवर्धन, सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि उन्नत पशुधन से ही ग्रामोदय की कल्पना साकार हो सकती है ।
समारोह में वैज्ञानिक चयन मण्डल नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि देश की 68 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम उम्र के युवाओं की हैं। उन्होंने कहा कि देश को स्वर्णिम काल में ले जाने की जिम्मेदारी युवाओं को ही उठानी होगी।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि और घटते कृषि रकबे की वजह से आहार की कमी से निजात पाने के लिए कार्य-योजना बनाकर दूध, अंडा, मांस आदि का उत्पादन बढ़ाना होगा।
इस मौके पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी.के. बिसेन, मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर.एस. शर्मा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्रा, विधि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज चौहान, पूर्व कुलपति डॉ. गोविंद मिश्र, कुलसचिव, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।
राज्यपाल ने कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव और पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय आणंद एवं कामधेनु विश्वविद्यालय गांधीनगर गुजरात के पूर्व कुलपति डॉ. एम.सी. वाष्र्णेय को मानद उपाधि से अंलकृत किया। समारोह के पहले राज्यपाल ने नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया।
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स्रोत: Krishak Jagat