50 गाय या भैंस की डेयरी खोलने वालों को मिलेगा लोन, ब्याज भरेगी सरकार-धनखड़

November 01 2017

हरियाणा स्वर्ण जयंती पशुधन प्रदर्शनी के अंतिम दिन रविवार को समापन समारोह को संबोधित करते हुए राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि आने वाले पांच साल के बाद हरियाणा की कोई बछड़ी ऐसी नहीं होगी, जो कि दस किलो से कम दूध देने वाली हो और ना ही कोई कटड़ी 15 किलो से कम दूध देने वाली होगी। उन्होंने कहा कि पशुपालन व्यवसाय को एक उद्योग का दर्जा देते हुए जल्दी ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 27 हजार करोड़ के बाजार में छोटा प्रदेश होते हुुए भी हरियाणा दूध, फल, फूल, मछली, ताजा सब्जी की आपूर्ति करने वाले राज्य के रूप में बड़ी भूमिका निभाएगा।

पशुपालकों को प्रतिवर्ष 9 करोड़ के इनाम

श्री धनखड़ ने कहा कि सरकार किसान की आय बढ़ाने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 50 गाय या 50 भैंस की डेयरी खोलने वाले किसान को पर्याप्त ऋण दिलवाया जायेगा और इसका ब्याज सरकार देगी। उन्होंने कहा कि दुग्ध क्रांति को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को हर साल नौ करोड़ रुपये के इनाम दिए जा रहे हैं। 18 किलो से अधिक दूध देने वाली भैंस को हर साल 30 हजार रुपये और 15 किलो दूध देने वाली गाय को 20 हजार रुपये सालाना प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मुर्रा नस्ल को सरकार ने इतना प्रोत्साहन दिया है कि अब ये कहावत हो चली है, जिसके घर में मुर्रा, उसका बड़ा तुर्रा। राज्य स्तरीय इस पशु प्रदर्शनी के आयोजन से किसान इतने उत्साहित हुए हैं कि अपनी गाय भैंस, भेड बकरी, ऊंट व घोड़े को इनाम दिलवाने के लिए उनमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का संचार होगा। सरकार ने पहला पशु मेला रोहतक के गांव बहु अकबरपुर में पिछले साल आयोजित किया था, जिसमें देशी गाय ने रैंप पर कैटवॉक की थी। उसके बाद झज्जर में आयोजित हुए तीन दिवसीय स्वर्ण जयंती पशुधन मेले में पशुपालकों का उत्साह देखने लायक था।

विदेशों में भी हुई झज्जर पशु मेले की तारीफ

ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि पशुधन प्रदर्शनी में एक हजार करोड़ से अधिक की गैलक्सी सर्वश्रेष्ठ पशुओं के रूप में इकट्ठी हुई है। जिसको हजारों दर्शकों ने अपने कैमरे में कैद कर दुनिया भर में इंटरनेट के माध्यम से वायरल किया। जिसकी वजह से दुनिया भर में इस आयोजन को प्रशंसा मिली हैं। स्वयं केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन कृष्ण ने भी इसको इंटरनेशनल मेला बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने किसानों को तीन हजार करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में देकर एक रिकार्ड कायम किया है। कृषि मंत्री ने मेले में आए एक झोटे के मरने पर उसके पालक को ढाई लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।

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Source: Dairy Today